जयपुर

Rajasthan Kharif Crop Production 2022: राजस्थान का किसान हुआ खुश, भारी बारिश के बावजूद बंपर पैदावार

मानसून सीजन में हुई भारी बारिश ने जहां देशभर में फसलों को नुकसान पहुंचाया है, वहीं राजस्थान में खरीफ की बंपर पैदावार ने सबको चौका दिया है। इस साल भारी बारिश होने के बावजूद प्रदेश में पैदावार का आंकड़ा पिछले साल से 30 फीसदी ज्यादा है।

जयपुरNov 07, 2022 / 02:14 pm

Narendra Singh Solanki

Rajasthan Kharif Crop Production 2022: राजस्थान का किसान हुआ खुश, भारी बारिश के बावजूद बंपर पैदावार

Rajasthan Kharif Crop Production 2022: मानसून सीजन में हुई भारी बारिश ने जहां देशभर में फसलों को नुकसान पहुंचाया है, वहीं राजस्थान में खरीफ की बंपर पैदावार ने सबको चौका दिया है। इस साल भारी बारिश होने के बावजूद प्रदेश में पैदावार का आंकड़ा पिछले साल से 30 फीसदी ज्यादा है। इस साल मक्का की पैदावार 21 लाख मीट्रिक टन, ग्वार 14 लाख मीट्रिक टन, ज्वार 6 लाख मीट्रिक टन, मोठ 4 लाख मीट्रिक टन और कॉटन की 28 लाख से ज्यादा गांठों की पैदावार हुई हैं। खरीफ की उपज का अब मंडियों में आना शुरू हो गया है। राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार महासंघ के अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता का कहना है राजस्थान में इस बार खरीफ की बंपर पैदावार ने किसानों के साथ—साथ मंडी कारोबारियों के भी चेहरे खिला दिए हैं। मानसून सीजन में भारी बारिश के बावजूद खरीफ की पैदावार सबके लिए फायदेमंद रही है। राजस्थान में पिछले साल 75 हजार मीट्रिक टन उड़द की पैदावार हुई थी। इस साल अच्छी बारिश के कारण इसका उत्पादन रिकॉर्ड 2.5 लाख मीट्रिक टन जा पहुंचा है। मूंग की उपज पिछले साल 10 लाख मीट्रिक टन थी, जो इस बार 14 लाख मीट्रिक टन पर पहुंच गई है। वहीं मूंगफली की पैदावार पिछले साल 17 लाख मीट्रिक टन थी, जो इस साल बीस लाख मीट्रिक टन को पार कर गई है। भारी बारिश के कारण पूर्वी राजस्थान के जयपुर, दौसा, करौली, भरतपुर, सवाई माधोपुर और धौलपुर सहित कई जिलों में बड़े पैमाने पर बाजरे की फसल को नुकसान हुआ था, लेकिन इसके बावजूद पिछले साल 48 लाख मीट्रिक टन बाजरे की तुलना में इस बार राजस्थान में 52 लाख मैट्रिक टन बाजरे का उत्पादन हुआ है।

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गेहूं और सरसों का रकबा पिछले साल से बेहतर
दो मुख्य रबी फसलों गेहूं और सरसों की बोआई ने 4 नवंबर को समाप्त सप्ताह में और गति पकड़ी है। गेहूं का रकबा पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 436 फीसदी बढ़ गया है। सरसों के मामले में, फसल आमतौर पर 64 लाख हेक्टेयर में बोई जाती है। इसमें से करीब 46 लाख हेक्टेयर में बुवाई की जा चुकी है। गेहूं के मामले में, शुरुआती बुवाई के रुझान से संकेत मिलता है कि उत्तरी राज्यों जैसे राजस्थान, मध्य प्रदेश और यहां तक की गुजरात के किसान चना और दालों जैसी प्रतिस्पर्धी फसलों से गेहूं की ओर रुख कर रहे हैं। इससे रकबे में वृद्धि हो सकती है।

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