जबकि ओपीजेएस यूनिवर्सिटी में पांच वर्षों से बीपीएड का कोर्स करवा रही थी और प्रति वर्ष 100 छात्र ही यहां से डिग्री ले सकते थे। यानी पांच वर्ष में 500 छात्रों को ही डिग्री मिली। जबकि आवेदन 1336 ने कर रखा था। ओपीजेएस से डिग्री लेने वाले 81 अभ्यर्थियों का तो सरकारी नौकरी में भी चयन हो गया था। उन्होंने कहा कि एसओजी की रिपोर्ट पर सरकार ने ओपीजेएस यूनवर्सिटी में प्रवेश पर रोक लगा दी है।
2500 शिकायतों में 900 की चल रही जांच
एडीजी सिंह ने बताया कि एसओजी में प्रतियोगी परीक्षाओं से जुड़ी 2500 शिकायतें आ चुकी हैं और इनमें 900 की जांच चल रही है। इसके कारण अभी अन्य संगठित गिरोह की बजाय पेपर लीक, डमी अभ्यर्थी व फर्जी डिग्री से नौकरी प्राप्त करने वालों नजर है। सरकार ने गत पांच वर्षों में प्रतियोगी परीक्षाओं से सरकारी नौकरी प्राप्त करने वालों का फिर से सत्यापन करवाने के आदेश दिए हैं। परीक्षा में कौन बैठा है, डिग्री कहां से प्राप्त की और उस कॉलेज व यूनिवर्सिटी के रिकॉर्ड की जांच की जाए। कुछ लोगों ने विभागीय जांच पर कोर्ट स्टे ले लिया है। आगामी पांच माह में ऐसे लोगों की तस्दीक कर कार्रवाई की जाना लक्ष्य है। यह भी पढ़ें