राजस्थान में भाजपा का नया दांव। राजस्थान की 9 लोकसभा सीटों का विजय पथ तय कर दिया है। राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 का रण जीतने के बाद भाजपा ने लोकसभा चुनाव में जीत का रास्ता तलाशना शुरू कर दिया है। इसके लिए भाजपा ने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) का बड़ा दांव चला है। भजनलाल सरकार ने मध्यप्रदेश की सरकार के साथ रविवार को जयपुर में इस पर अपनी सहमति जता दी। दोनों मुख्यमंत्रियों ने प्रेसवार्ता कर इसकी जानकारी दी। इस परियोजना के जरिए पार्टी ने 13 जिले और नौ लोकसभा सीटों को साधने की कोशिश शुरू कर दी है।
चुनाव में भाजपा ने किया था वादाभाजपा ने विधानसभा चुनाव में सरकार बनने पर ईआरसीपी को लेकर जल्द काम करने का वादा किया था। ऐसे में अब जब लोकसभा चुनाव में दो माह का ही समय रह गया है तो भाजपा सरकार ने इसका एमओयू कर इस दिशा में आगे बढ़ना शुरू किया है ताकि उसे चुनाव में लाभ मिल सके।
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कांग्रेस सरकार की एक और बड़ी योजना को भाजपा सरकार ने अटकाया, पढ़ाई पर आया संकट छात्र हुए मायूसईआरसीपी के क्षेत्र में आएगी नौ लोकसभा सीटेंराज्य में ईआरसीपी का क्षेत्र 13 जिलों में आता है। इसमें सबसे ज्यादा इलाका पूर्वी राजस्थान का है। इन 13 जिलों में नौ लोकसभा सीटें कवर हो रही है। इनमें जयपुर ग्रामीण, दौसा, अलवर, भरतपुर, टोंक-सवाईमाधोपुर, अजमेर, बारां – झालावाड, कोटा-बूंदी, धौलपुर-करौली शामिल हैं।
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बनाया था मुद्दाविधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने ईआरसीपी को मुद्दा बनाया था और भाजपा की केंद्र सरकार पर इसे राष्ट्रीय प्रोजेक्ट घोषित नहीं करने का आरोप लगाया था। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक.दूसरे पर निशाने साधे थे। कांग्रेस ने इन क्षेत्रों में यात्राएं भी निकाली थी हालांकि कांग्रेस को इसका फायदा नहीं मिल पाया और पूर्वी राजस्थान में कांग्रेस अपेक्षित सफलता हासिल नहीं कर पाई।
कांग्रेस का दो बार से नहीं खुल पा रहा खातापिछले दो लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 25 में से एक भी सीट पर जीत नहीं मिल पाई है। ऐसे में इस बार कांग्रेस लोकसभा चुनाव की अभी से तैयारी भी शुरू कर रही है।
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