जयपुर

आरएलपी की तीसरी लिस्ट छोटी, लेकिन भाजपा के लिए बड़ा धमाका, राजे का करीबी नेता भी छोड़ सकता है BJP

Rajasthan Chunav 2023: राजस्थान में भाजपा और कांग्रेस के टिकट घोषित होने के बाद कई सीटों पर बगावत दिखाई दे रही है। ऐसे में छोटी पार्टियों की नजर बगावत करने वाले नेताओं पर है। बगावत करने वाले को छोटी पार्टियां हाथों-हाथ टिकट दे रही हैं।

जयपुरNov 02, 2023 / 01:34 pm

Santosh Trivedi

Rajasthan Chunav 2023: राजस्थान में भाजपा और कांग्रेस के टिकट घोषित होने के बाद कई सीटों पर बगावत दिखाई दे रही है। ऐसे में छोटी पार्टियों की नजर बगावत करने वाले नेताओं पर है। बगावत करने वाले को छोटी पार्टियां हाथों-हाथ टिकट दे रही हैं। हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) ने राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए बुधवार रात 2 उम्मीदवारों की तीसरी सूची जारी की। इस सूची में जायल विधानसभा सीट से बीएल भाटी और सुजानगढ़ विधानसभा क्षेत्र से बाबूलाल कुलदीप का नाम शामिल है।


त्रिकोणीय मुकाबला होने के आसार

भारतीय जनता पार्टी के एससी मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष बीएल भाटी ने हाल ही में आरएलपी का दामन थामा था। भाटी भाजपा के लिए टिकट की दावेदारी कर रहे थे, लेकिन उनको टिकट नहीं मिला। बीएल भाटी भाजपा सरकार में पूर्व मंत्री रहे युनूस खान के ओएसडी भी रह चुके हैं। जायल विधानसभा से कांग्रेस ने मंजू मेघवाल को और भाजपा ने मंजू बाघमार को चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं, सुजानगढ़ से नए चेहरे बाबूलाल कुलदीप को टिकट दिया है। कांग्रेस ने सुजानगढ़ से मनोज मेघवाल को टिकट दिया है। वहीं भाजपा ने संतोष मेघवाल को उम्मीदवार बनाया है। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इन दोनों ही सीटों पर RLP की मौजूदगी से त्रिकोणीय मुकाबला होने के आसार हैं।


राजनीतिक गलियारों में यूनुस खान को लेकर भी चर्चा

राजनीतिक गलियारों में वसुंधरा राजे के करीबी यूनुस खान के भाजपा का दामन छोड़कर प्रदेश की एक बड़ी पार्टी का दामन थामने की भी चर्चा है। यूनुस खान डीडवाना से विधायक रहने के साथ-साथ नागौर जिले के बड़े अल्पसंख्यक चेहरे के रूप में पहचाने जाते हैं। भाजपा ने 2018 के विधानसभा चुनाव में यूनुस खान को सचिन पायलट के सामने टोंक विधानसभा क्षेत्र से उतारा था। चुनाव में यूनुस खान को हार का सामना करना पड़ा था।


कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर बागी हुए, आरएलपी का थामा दामन


निवाई-पीपलू तथा देवली उनियारा विधानसभा क्षेत्र में मुकाबला काफी दिलचस्प होगा। यहां पंजे, कमल के साथ बोतल, झाड़ू की भी एंट्री हो गई हैं। निवाई पीपलू विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने से खफा पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के समर्थक और पीसीसी एससी प्रकोष्ठ के पूर्व महासचिव प्रहलाद नारायण बैरवा तथा देवली उनियारा से प्रो. विक्रम सिंह गुर्जर के आरएलपी का दामन थाम लिया है। माना जा रहा है कि विक्रम को देवली उनियारा से तथा प्रहलाद को निवाई से आरएलपी उम्मीदवार बनाया जा सकता है। वहीं आम आदमी पार्टी ने निवाई पीपलू से महेश बैरवा तथा देवली उनियारा से राजेंद्र सिंह मीणा को मैदान में उतार दिया है। निवाई में कांग्रेस ने वर्तमान विधायक प्रशांत बैरवा को टिकट दिया है। भाजपा ने अब तक यहां प्रत्याशी नहीं उतारा है। जबकि देवली उनियारा में भी कांग्रेस ने वर्तमान विधायक हरीश मीणा को टिकट दिया है। यहां भाजपा ने कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के पुत्र विजय बैंसला को टिकट दिया है। राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों के लिए 25 नवंबर को मतदान होना है। चुनाव परिणाम 3 दिसंबर को आएगा।

 

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