जयपुर

राजस्थान : ERCP पर फिर निशाने पर गहलोत सरकार, जानें क्या है सांसद किरोड़ी का ‘एक्शन प्लान’?

– ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने का मामला, केंद्र और राज्य सरकार के बीच गतिरोध- चरम पर सियासत, अब विश्व आदिवासी दिवस 9 अगस्त को उठेगा मुद्दा, सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा की अगुवाई में जयपुर कूच, 75 हजार झंडे, 75 हजार लोग, 75 विधानसभा, 75 किलोमीटर, राज्य सरकार से संशोधित डीपीआर भेजने की मांग
 

जयपुरAug 05, 2022 / 11:14 am

Nakul Devarshi

जयपुर।

प्रदेश के 13 ज़िलों के लिए जीवनदायनी ईस्टर्न रिवर कैनाल प्रोजेक्ट यानी ईआरसीपी ( Eastern River Canal Project ERCP ) को राष्ट्रीय परियोजना घोषित किए जाने की मांग पर सियासत जारी है। कांग्रेस जहां प्रधानमंत्री का वादा याद दिलाते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर है, तो वहीं भाजपा नेता तरह-तरह की दलीलें देते हुए राज्य की गहलोत सरकार को इस देरी के लिए ज़िम्मेदार ठहरा रहे हैं। इस बीच दोनों दलों के नेताओं के बयान और आरोप-प्रत्यारोपों के साथ ही विरोध-प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है।

 

इस बीच राज्यसभा से भाजपा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने अब इस मुद्दे पर राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए आर-पार की लड़ाई लड़ने की तैयारी कर ली है। दरअसल, सांसद ने 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर दौसा जिला मुख्यालय के पास मीणा हाईकोर्ट नांगल प्यारीवास में ‘जल क्रांति आंदोलन’ शुरू करने की ऐलान किया है। इस आंदोलन के ज़रिये गहलोत सरकार का घेराव करके ईआरसीपी प्रोजेक्ट की संशोधित डीपीआर केंद्र सरकार को भेजे जाने की मांग की जाएगी।

 

अनूठे तरीके से सरकार का घेराव

सांसद डॉ मीणा की अगुवाई में 9 अगस्त को प्रस्तावित ‘जल क्रांति’ में अनूठे अंदाज़ से गहलोत सरकार का घेराव किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक़ इस यात्रा में देश की आज़ादी के 75 वर्ष पूरे होने की झलक भी देखने को मिलेगी। इसके तहत 75 हजार झंडे थामे 75 हजार ‘जल क्रांतिकारी’ लोगों के साथ, 75 विधानसभा के लोगों और 75 किलोमीटर तक पैदल कूच करने का ऐलान किया गया है।

 

बताया गया है कि दौसा से जयपुर के लिए निकलने वाले पैदल कूच मार्च में ईआरसीपी के दायरे में आने वाले 13 जिलों के लोग बड़ी संख्या में शामिल होंगे। इसे ईआरसीपी मुद्दे पर अब तक के सबसे बड़े विरोध-प्रदर्शन होने का दावा किया जा रहा है।

 

तिरंगों से सजेगा मीणा हाईकोर्ट

मीणा हाईकोर्ट परिसर से टीटोली टोल प्लाजा तक के मार्ग को तिरंगे झंडों से सजाया जाएगा। जयपुर कुछ करने से पहले परिसर में ही सभा होगी जिसके लिए एक लाख लोगों के बैठने की व्यवस्था की जा रही है।

 

आयोजकों का कहना है कि कार्यक्रम सभी पार्टियों के सांसद, विधायक, प्रधान, जिला प्रमुख सहित अन्य जनप्रतिनिधि भाग लेंगे। इधर, सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के समर्थकों ने जनसभा में भीड़ जुटाने को लेकर गांव-ढाणियों तक दौरे शुरू कर दिए हैं। साथ ही कार्यक्रम के प्रचार-प्रसार के लिए जिला और ब्लॉक स्तर पर टीमें बनाई गई हैं जो युद्ध स्तर पर प्रचार-प्रसार में जुटी बताई गई हैं।

 

संशोधित डीपीआर भेजने की मांग

भाजपा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा राज्य सरकार से संशोधित डीपीआर केंद्र को भेजे जाने की मांग कर रहे हैं।सांसद का आरोप है कि राज्य सरकार तकनीकी खामी दूर नहीं कर रही है। ईआरसीपी को लेकर जो डीपीआर केंद्र को भेजी गई थी, उसमें 50 प्रतिशत जल निर्भरता का प्रोजेक्ट बनाया था, जबकि राष्ट्रीय परियोजना घोषित करवाने के लिए 75 प्रतिशत जल निर्भरता आवश्यकता है।

 

राष्ट्रीय परियोजना घोषित करवाने की गारंटी

सांसद का ये भी कहना है कि चंबल का पानी मध्य प्रदेश से आता है, ऐसे में मध्य प्रदेश की सहमति भी आवश्यक है। इसके साथ ही दौसा सहित करौली, सवाई माधोपुर, अलवर और जयपुर के सभी बड़े बांधों को इस परियोजना में शामिल किया जाए। सांसद पहले ही इस बात का ऐलान कर चुके हैं कि अगर राज्य सरकार ये तीनों तकनीकी खामियां दूर करके पुनः प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दे तो इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित करवाना उनकी गारंटी है।

 

रद्द करनी पड़ी थी सभा

ईआरसीपी मुद्दे को लेकर यही जनसभा पहले 10 जुलाई को मीणा हाईकोर्ट परिसर में ही प्रस्तावित थी, जिसमें केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के भी आने की बात कही जा रही थी। लेकिन आखिरी समय में शेखावत का व्यस्त कार्यक्रम बताकर सभा को रद्द कर देना पड़ा था। अब 9 अगस्त की सभा में जलशक्ति मंत्री पहुंचेंगे या नहीं, इसपर सस्पेंस बना हुआ है।

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