इसके पीछे मकसद है कि ई-मित्र पर दी जाने वाली सेवाएं लोगों के घर तक पहुंचे। साथ ही इससे ज्यादा से ज्यादा लोग रोजगार से भी जुड़ सकेंगे। सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग (डीओआईटी) प्रायोगिक तौर पर इसका संचालन शुरू करने पर काम कर रहा है। जिसके पास जनाधार कार्ड होगा, वही इससे जुड़ सकेगा।
यह भी पढ़ें
रिश्वत लेते ई-मित्र संचालक को रंगे हाथों पकड़ा, तहसीलदार के लिए मांग रहा था घूस
जनता तक सुविधा नहीं पहुंचाई तो सस्पेंड
प्रस्तावित ड्राफ्ट के तहत ऐसा ‘मिनी ई-मित्र’ संचालनकर्ता, जिसका एक माह में शून्य ट्रांजेक्शन होगा, उसका लाइसेंस सस्पेंड कर दिया जाएगा। नए कांसेप्ट में वे ही लोग जुड़ें, जिन्हें वास्तव में रोजगार की जरूरत हो और लोगों तक सुविधाएं पहुंचाएं। जुर्माना चुकाने के बाद ही लाइसेंस बहाल किया जाएगा।वॉलेट के जरिए भुगतान
मिनी ई-मित्र प्री-पेड मोड में संचालित होगा। हर के पास ई-मित्र वॉलेट होगा। डीओआईटी को इसके ट्रांजेक्शन की जानकारी रहेगी। संचालनकर्ता को कमीशन भी इसी के जरिए मिलेगा।-यूपीआइए, क्रेडिट और डेबिट कार्ड से भुगतान होगा।