जयपुर

राजस्थान DGP का आया नया आदेश, एसपी, IG, डीआईजी व कमिश्नर अब पुलिस इंस्पेक्टर को नहीं कर सकेंगे सस्पेंड

Rajasthan DGP New Order : राजस्थान पुलिस मुख्यालय ने गुरुवार को एक रिमाइंडर आदेश जारी किया है, जिसमें बताया है कि एसपी, डीआईजी, आईजी व कमिश्नर अब निरीक्षकों को सस्पेंड नहीं कर सकेंगे।

जयपुरJul 19, 2024 / 02:45 pm

Sanjay Kumar Srivastava

डीजीपी का आया नया आदेश, एसपी, डीआईजी, आईजी व कमिश्नर अब पुलिस इंस्पेक्टर को नहीं कर सकेंगे सस्पेंड

Rajasthan DGP New Order : राजस्थान पुलिस मुख्यालय के नए आदेश के बाद एसपी, डीआईजी, आईजी व कमिश्नर पर नई बंदिश लगाई गई है। अब पुलिस इंस्पेक्टर को सस्पेंड नहीं कर सकेंगे। राजस्थान पुलिस मुख्यालय ने गुरुवार को एक रिमाइंडर आदेश जारी किया है, जिसमें बताया है कि एसपी, डीआईजी, आईजी व कमिश्नर अब निरीक्षकों को सस्पेंड नहीं कर सकेंगे। निरीक्षकों को सस्पेंड करने के लिए डीजीपी की अनुमति लेनी होगी। डीजीपी यूआर साहू ने बताया कि आदेश की सख्ती से पालना करने के लिए कहा गया है।

बिना किसी ठोस कारण के ही कर देते हैं निलंबन

राजस्थान पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) उत्कल रंजन साहू (यूआर साहू) ने गुरुवार शाम को आदेश जारी किया है कि पुलिस इंस्पेक्टर स्तर के अफसरों के खिलाफ कार्रवाई में कई बार सावधानी नहीं बरती जाती है। बिना किसी ठोस कारण के ही जिला एसपी, रेंज आईजी, डीआईजी और पुलिस कमिश्नर की ओर से निलंबन की कार्रवाई कर दी जाती है। इस प्रकार के आदेश से पुलिस अफसरों का मनोबल गिरता है। साथ ही सेवा के प्रति अनिश्चितता का भाव आने लगता है।
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डीजीपी उत्कल रंजन साहू ने जारी किया नया आदेश

डीजीपी उत्कल रंजन साहू के जारी आदेश में है कि पुलिस अफसरों के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई से किसी उद्देश्य की पूर्ति भी नहीं होती है। ऐसे में आगे से कोई इस तरह की कार्रवाई नहीं करें। डीजीपी उत्कल रंजन साहू ने अपने जारी आदेश में साफ-साफ लिखा है कि अब कोई भी जिला एसपी, रेंज आईजी, डीआईजी और पुलिस कमिश्नर किसी भी पुलिस इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई नहीं करेंगे। इसके लिए डीजीपी से लिखित अनुमति लेनी होगी।

निलंबन की कार्रवाई बेहद कठोर परिस्थितियों में होना चाहिए

डीजीपी उत्कल रंजन साहू ने आगे साफ-साफ कहा कि निलंबन की कार्रवाई बेहद कठोर परिस्थितियों में की जानी चाहिए, पर अक्सर देखा जाता है कि जिनके खिलाफ एक्शन हो रहा है, उनका पक्ष जाने बिना ही, सिर्फ आरोप के आधार पर कार्रवाई कर दी जाती है। इस तरह की कार्रवाई से पुलिस अफसरों और कार्मिकों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।

सोच समझकर किया जाना चाहिए निलंबन का फैसला

डीजीपी उत्कल रंजन साहू के आदेश के अनुसार, निलंबन का फैसला सोच समझकर और निश्चित कार्रवाई को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए। निलंबन से पहले कार्मिक पर लगाए गए आक्षेप के संबंध में आश्वस्त होना जरूरी है।
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