बलराम जाखड़ की ओर से यह परिवाद पेश किया गया। इसमें
डिप्टी सीएम बैरवा के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत आरोप लगाए गए हैं। परिवाद में कहा कि सीएलजी सदस्यों की नियुक्ति का अधिकार पुलिस अधीक्षक को है। नियमानुसार ऐसे किसी व्यक्ति को सीएलजी सदस्य नहीं बनाया जा सकता, जो राजनीतिक दल से जुड़ा हो।
पूरा मामला…
बताते चलें कि डिप्टी सीएम बैरवा ने 21 जून को अपने कार्यालय से लेटरपैड पर मौजमाबाद थाने में 15 सीएलजी सदस्यों को मनोनीत कर दिया। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों यह लेटरपैड सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। मौजमाबाद थाना प्रभारी संजय प्रसाद मीना ने कहा था कि ऐसा पत्र प्राप्त हुआ है। लेकिन, अभी तक इन नामों में से किसी को सूची में शामिल नहीं किया गया है। अधिकारियों का मार्गदर्शन लेकर निर्णय लिया जाएगा।