गारंटी का दावा फेल, पक्ष व विपक्ष चुप
किसान संघर्ष समिति के प्रवक्ता सुभाष सगहल ने बताया कि इस बार कॉटन की फसल पर पहले गुलाबी सुंडी का प्रकोप पड़ा। इसके बाद चक्रवाती तूफान की वजह से कॉटन की चमक व गुणवत्ता प्रभावित हुई। साथ ही इससे कॉटन का उत्पादन भी प्रभावित हुआ और अब सीसीआई कॉटन की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद नहीं कर रही है। इस कारण किसानों को प्रति क्विंटल करीब 1500 रुपए का आर्थिक नुकसान हो रहा है। भाजपा की सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कृषि जिन्सों की खरीद की गारंटी का दावा कर रही थी लेकिन अब कोई सांसद,विधायक व स्थानीय जनप्रतिनिधि पक्ष और विपक्ष सब चुप है। कुछ किसान प्रतिनिधियों ने जरूरी मांग उठाई है। जबकि अभी तक जिला प्रशासन और सीसीआई नहीं जागी है।
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कॉटन की एमएसपी पर खरीद नहीं कर रही है सीसीआई – गंगनहर प्रणाली चेयरमैन
गंगनहर प्रणाली चेयरमैन हरविंदर सिंह गिल ने कहा, कॉटन की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद करने के लिए जिला प्रशासन और मंडी समिति प्रशासन से मिलकर ज्ञापन दिया था लेकिन अभी तक सीसीआई ने कॉटन की एमएसपी पर खरीद नहीं की है। इस कारण किसानों को बहुत ज्यादा आर्थिक नुकसान हो रहा है। अब फिर से जिला कलक्टर से मिलकर कॉटन की एमएसपी पर खरीद करने के लिए बातचीत करेंगे।
आवक अच्छी पर खरीद नहीं शुरू हुई – सूबे सिंह रावत
कृषि उपज मंडी समित अनाज श्रीगंगानगर सचिव सूबे सिंह रावत ने बताया, नई धानमंडी श्रीगंगानगर में कॉटन की अच्छी आवक बनी हुई है लेकिन अभी तक सीसीआई कॉटन की खरीद शुरू नहीं कर पा रही है, हालांकि सीसीआई के क्यू को बुलाकर बातचीत की है।
सांसद तक पहुंचा कॉटन खरीद का मामला
इधर, सादुलशहर विधायक गुरवीर सिंह बराड़ ने भी सांसद निहालचंद मेघवाल से बात कर जिले की मंडियों में कॉटन की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू करवाने की मांग की है। बताया जा रहा है कि सांसद ने दिल्ली में संबंधित मंत्री से बात कर कॉटन खरीद में निर्धारित मापदंड में छूट दिलवाकर सरकारी खरीद शुरू करवाने का आग्रह किया है।
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