माना जा रहा है कि जनवरी माह में मलमास खत्म होने के बाद प्रदेश कांग्रेस की नई कार्यकारिणी सामने आ सकती है। प्रदेश कांग्रेस की नई कार्यकारिणी के गठन को लेकर कवायद शुरू हो चुकी है, इसे लेकर जल्द ही प्रदेश प्रभारी अजय माकन की अध्यक्षता में पार्टी नेताओं की बैठक भी होने वाली है जिसमें कार्यकारिणी के संभावित नामों को लेकर चर्चा होगी। बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी बैठक में शामिल होंगे।
इस बार छोटी रहेगी प्रदेश कार्यकारिणी
विश्वस्त सूत्रों की माने तो प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट की जेम्बो कार्यकारिणी की तुलना में इस बार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की नई कार्यकारिणी छोटी होगी। प्रदेश कांग्रेस की संभावित कार्यकारिणी में आधा दर्जन उपाध्यक्ष, डेढ़ दर्जन प्रदेश महासचिव और 30 से ज्यादा प्रदेश सचिव बनाए जाने की चर्चा है।
नए चेहरों को मिलेगा मौका
सूत्रों की माने तो पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा की टीम में नए और जमीनी कार्यकर्ताओं को मौका मिलेगा। बताया जाता है कि जिन नेताओं को लोकसभा, विधानसभा, और निकाय चुनावों में टिकट नहीं मिल पाया उन्हें भी प्रदेश कांग्रेस की नई कार्यकारिणी में शामिल किया जा सकता है। इसके अलावा युवा कांग्रेस, एनएसयूआई, महिला कांग्रेस और सेवादल से निकले अध्यक्षों को भी प्रदेश कांग्रेस की नई टीम में शामिल किया जा सकता है।
पायलट-सीपी कैंप को भी मिलेगी अहमियत
जानकारों का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस की नई कार्यकारिणी में प्रदेश कांग्रेस के सभी गुटों से जुड़े नेताओं को शामिल किया जाएगा। पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट और विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी कैंप से जुड़े नेताओं को भी कार्यकारिणी में जगह मिलना तय है।
जातिगत समीकरणों का भी रखा जाएगा ध्यान
प्रदेश कांग्रेस की नई कार्यकारिणी में जातिगत समीकरणों का भी ध्यान रखा जाएगा। अपने परंपरागत वोट बैंक के साथ-साथ सभी वर्गों से जुड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं को कार्यकारिणी में एडजस्ट किया जाएगा।
गौरतलब है कि पार्टी से बगावत करने के बाद 14 जुलाई को कांग्रेस आलाकमान ने सचिन पायलट को पीसीसी अध्यक्ष पद से बर्खास्त कर शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को पीसीसी का नया अध्यक्ष बनाने के साथ ही प्रदेश कांग्रेस की कार्यकारिणी को भी भंग कर दिया था, जिसके बाद डोटासरा पिछले 5 माह से बिना कार्यकारिणी के काम रहे थे।