गहलोत से मुलाकात :
रंधावा ने दोपहर बाद सीएमआर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की और राजनीतिक मामलों को लेकर विचार विमर्श किया। रंधावा के साथ एक सिक्ख समाज का प्रतिनिधिमंडल भी गहलोत से मिला और उनसे कुछ मसलों को लेकर बात की और समाधान का आग्रह किया। रंधावा ने आज अग्रिम संगठनों के नेताओं से भी मुलाकात की और फीडबैक लिया।
रंधावा ने दोपहर बाद सीएमआर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की और राजनीतिक मामलों को लेकर विचार विमर्श किया। रंधावा के साथ एक सिक्ख समाज का प्रतिनिधिमंडल भी गहलोत से मिला और उनसे कुछ मसलों को लेकर बात की और समाधान का आग्रह किया। रंधावा ने आज अग्रिम संगठनों के नेताओं से भी मुलाकात की और फीडबैक लिया।
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गहलोत सरकार के मंत्रियों पर लगेगी लगाम, सुनना पड़ेगा कार्यकर्ताओं को और करने होंगे काम
रघु शर्मा बोले, हमारे लिए आलाकमान का फैसला सबसे बड़ा : गुजरात के प्रभारी और पूर्व मंत्री रघु शर्मा ने भी आज रंधावा से मुलाकात की और अपना फीडबैक दिया। शर्मा ने कहा कि संगठन के खाली पद भरना जरूरी है, पहले ही काफी समय खराब हो गया। उन्होंने कहा कि वे हमेशा आलाकमान के फैसले के साथ है। व्यक्ति से बड़ा संगठन होता हैं और मैंने हमेशा इसी भावना से काम किया है। शर्मा ने कहा कि रंधावा बहुत सुलझे हुए नेता हैं और खानदानी कांग्रेसी हैं। वे आने वाले दिनों में सब ठीक कर देंगे। उलझी हुई स्थितियों को ठीेक करने का काम रंधावा करेंगे। मंत्रियों की मनमानी पर लगेगी लगाम कांग्रेस आलाकमान गहलोत सरकार के मंत्रियों के खिलाफ शिकायतों को देखते हुए अब उन पर अपना शिकंजा कसने जा रहा है। मंत्रियों की मनमानी पर रोक लगेगी और उन्हें जनता के बीच जाकर सुनवाई करनी पड़ेगी और पार्टी कार्यकर्ताओं की समस्या और उनके कामों को पूरा करना होगा। अन्यथा मंत्रियों के पद ले लिए जाएंगे। राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने मंत्रियों को साफ कह दिया हैं कि राजस्थान में कांग्रेस को हर सूरत में सरकार रिपीट करनी होगी और इसके लिए जो भी टास्क दिया जाएगा उसे हर हाल में पूरा करना पडेगा।
नए प्रभारी कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने मंत्रियों के साथ बैठक कर उन्हें इस बारे में निर्देश दे दिए हैं। बैठक पीसीसी के वॉर रूम में की गई थी। इसमें सीएम अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सुखजिंदर सिंह रंधावा और तमाम मंत्री मौजूद रहे। बैठक में मंत्रियों के कामकाज पर चर्चा के साथ ही 2023 के विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति बनाने के सुझाव लिए जा रहे है। इसके साथ ही मंत्रियों को जनता और कार्यकर्ताओं के काम करने के निर्देश भी दिए जा रहे हैं ताकि कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर की जा सके और चुनाव में जब उतरें तो कांग्रेस को इसका फायदा मिल सके।