वहीं, स्थाई निःशक्तता पर भी 10 हजार से 20 हजार रूपए ज्यादा दिलाए जाएंगे। अस्पताल में भर्ती रहने पर हर दिन 600 रुपए और चिकित्सा खर्च के पुनर्भरण का प्रावधान भी है। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (रालसा) ने प्राधिकरण की ओर से एमएसीटी मामलों के लिए जारी गाइडलाइन-2024 में यह प्रावधान किए हैं। इससे एमएसीटी मामलों को लेकर मुकदमेबाजी में भी कमी आएगी। प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायाधीश पंकज भंडारी के निर्देश पर यह गाइडलाइन जारी की है।
एमएसीटी मामलों के जल्द निस्तारण व क्षतिपूर्ति से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए सुप्रीम कोर्ट के सभी आदेशों को शामिल कर नई गाइडलाइन जारी की है। रालसा के सदस्य सचिव हरिओम अत्री के अनुसार एक आंख को नुकसान पहुंचने पर 50 हजार रुपए दिलाए जाएंगे, वहीं साधारण घायल को हर चोट के लिए 3500 रुपए और पूरा मेडिकल खर्च दिलाने का प्रावधान है। रालसा के विशेष सचिव पुरुषोत्तम सैनी ने बताया कि सिर में फ्रेक्चर होने पर एक लाख रुपए मुआवजा मिलेगा।
गंभीर चोट पर ऐसे मिलेगा मुआवजा
टिबिया एवं फेबुला (हड्डी) को चोट के कारण अस्पताल में भर्ती होने पर 70 हजार रुपए मुआवजा चेहरा विकृत होने पर 35 हजार रुपए मुआवजा के साथ ही चेहरे की हर चोट के लिए 10 हजार रुपए
अस्पताल में रहने के दौरान अटेंडेंट के लिए मुआवजा 300 रुपए प्रतिदिन जबड़ा या दांत को नुकसान होने पर मुआवजा पांच हजार रुपए व चोटिल हर दांत के लिए एक हजार रुपए कलाई, कोहनी एवं घुटना आदि को चोट लगने पर हर फ्रेक्चर के लिए 25 हजार रुपए
दुर्घटना के कारण आय बंद होने पर अस्पताल में भर्ती रहने के समय के लिए 700 रुपए प्रतिदिन आय तय नहीं होने पर सरकार द्वारा तय न्यूनतम मजदूरी के हिसाब से मुआवजा