शेखावत ने कहा कि भाजपा-आरएसएस दंगों की राजनीति में विश्वास नहीं करते। भाजपा-आरएसएस के खिलाफ आज तक दंगे भड़काने का कोई प्रमाण नहीं मिला है, जबकि गहलोत सरकार की तुष्टिकरण की नीति के चलते पहले करौली में दंगा भड़का, फिर उसके बाद भीलवाड़ा और जोधपुर में दंगे हुए। इस सरकार की नीति के चलते उदयपुर में निर्दोष कन्हैयालाल का सिर काट दिया गया। शेखावत ने कहा कि गहलोत सरकार में तुष्टिकरण की हालत यह है कि दंगों की जांच और आरोपियों को पकड़ने में भी धार्मिक आधार पर भेदभाव किया जाता है। यही कारण है कि इनकी कमजोर पैरवी के चलते जयपुर बम ब्लास्ट के आरोपी हाईकोर्ट से छूट गए।
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चुनाव आते ही गोभक्त हो जाते हैं मुख्यमंत्री
शेखावत ने कहा कि चुनाव का समय आते ही मुख्यमंत्री गोभक्त हो जाते हैं। गोदान करने का राग अलापते हैं, लेकिन वे यह भूल जाते हैं कि राजस्थान में लाखों गायें लंपी से मर गई थीं। उनके उपचार में उनकी सरकार पूरी तरफ विफल साबित हुई। अब सरकार ने मात्र 76 हजार मौतें लंपी से मानी हैं, जबकि इस महामारी में लाखों गायें मारी थीं।