राजस्थान की चिरंजीवी योजना पर संकट, स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के बयान ने मचाई हलचल
Rajasthan Chiranjeevi Scheme : राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के इस बयान के बाद राजस्थान की चिरंजीवी योजना पर संकट के बादल छाने लगे हैं। गजेंद्र सिंह खींवसर ऐसा कहा कि हर जनता के चेहरे पर मायूसी से छाने लगी है। जानें पूरा मामला।
Health Minister Gajendra Singh Khinvsar Big Statement : राजस्थान में चिरंजीवी योजना के बंद होने की आशंका फैल रही है। राजस्थान में पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने चिरंजीवी योजना शुरू की थी। यह एक स्वास्थ्य बीमा योजना है। पर राजस्थान के चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के बयान के बाद चिरंजीवी योजना पर संकट के काले बादल लहरा रहे हैं। बीते दिनों जोधपुर दौरे में चिरंजीवी योजना को लेकर अशोक गहलोत पर करारा हमला किया। मीडिया से बात करते हुए चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा चिरंजीवी योजना बोगस और फेलियर योजना है। जहां गहलोत सरकार ने झूठ बोलकर 25 लाख का इलाज देने का लोलीपॉप जनता दिया। स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा इस स्कीम के जरिए ने सिर्फ झूठ बोला गया है। पर वह इस झूठ को नहीं बोल सकते हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने वादा किया कि राजस्थान में स्वास्थ्य को लेकर काम करने का मौका मिला है तो मैं एक अच्छी हेल्थ स्कीम जरूर बनाऊंगा। चिरंजीवी योजना को लेकर अशोक गहलोत ने वर्तमान भजनलाल सरकार से लगातार अपील की कि इस योजना को बंद नहीं किया जाए।
25 लाख वादा पर 8 लाख से ज्यादा फायदा नहीं मिला
स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने जोधपुर दौरे में मीडिया से स्वास्थ्य व्यवस्था और चिरंजीवी योजना पर खुलकर बात की और कहा, इस योजना में 25 लाख रुपए देने की बात है पर इसमें 8 लाख रुपए से ज्यादा फायदा किसी को नहीं मिला।
स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा हेल्थ बेहद अहम है। मैं यह मालूम करने की कोशिश करूंगा की इस योजना का लाभ आम जनता को क्यों नहीं मिला। मैं आयुष्मान स्कीम पर चर्चा करने दिल्ली जाऊंगा। जिससे राजस्थान को केंद्र से रियायत मिलेगी और उसकी रकम भी बढ़ेगी।
चिरंजीवी योजना क्या है?
राजस्थान में पूर्व सीएम अशोक गहलोत सरकार की चिरंजीवी योजना एक स्वास्थ्य बीमा योजना है। इस योजना में राजस्थान के प्रत्येक परिवार को 25 लाख रुपए तक के कैशलेस इलाज का प्रावधान है। राज्य सरकार की तरफ से मुफ्त लाभ श्रेणी के पात्र परिवारों के प्रीमियम का 100 प्रतिशत भुगतान किया जाता है।