मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य बीमा पर नया अपडेट, नई पैकेज दरें और IVF भी जोड़ने की तैयारी
Chief Minister Ayushman Arogya Bima New Update : मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य बीमा का विस्तार होगा। इसके लिए तैयारियां तेज हो गईं हैं। आगामी बजट में मिल सकती है कुछ नई सौगातें। बजट में इस योजना में नई पैकेज दरों के साथ आईवीएफ सहित कुछ नए इलाज के पैकेज जोड़े जा सकते हैं। जानें पूरा मामला।
Chief Minister Ayushman Arogya Bima New Update : मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य बीमा पर नया अपडेट। राजस्थान में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय शुरू की गई मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य बीमा योजना को नए सिरे से लागू करने की तैयारियां तेज हो गई है। आगामी बजट में इस योजना में नई पैकेज दरों के साथ ही आईवीएफ सहित कुछ नए इलाज के पैकेज जोड़े जा सकते हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने आईवीएफ के लिए जयपुर के महिला चिकित्सालय प्रशासन से इसके इलाज के खर्च का संपूर्ण आंकलन करने के लिए कहा है। यह प्रस्ताव मंजूर होता है तो सरकारी के साथ निजी अस्पतालों में भी आईवीएफ पद्धति से नि:संतानता का इलाज निशुल्क मिलने की सौगात मिल सकती है। अभी इसके इलाज पर दंपत्तियों को लाखों रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं।
चिरंजीवी बीमा योजना को मिला नया नाम
कांग्रेस सरकार ने चिरंजीवी बीमा योजना को केंद्र की आयुष्मान बीमा योजना में मर्ज कर लागू किया था। लेकिन तब योजना का प्रचार सिर्फ चिरंजीवी के नाम से ही किया जाता था। भाजपा सरकार अंतरिम बजट में इसमें से चिरंजीवी शब्द हटाकर इसे मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य बीमा योजना नाम देकर बदलाव की शुरूआत पहले ही चुकी है।
कांग्रेस सरकार के समय से ही निजी अस्पतालों का चिरंजीवी योजना की पैकेज दरों को लेकर विवाद चला आ रहा है। बड़ा विरोध अस्पतालों की श्रेणियां बनाए बगैर ही एक समान पैकेज दरें बड़े और छोटे अस्पतालों में लागू करने का है। इसके कारण बड़े निजी अस्पताल इस योजना में शामिल ही नहीं हुए। अब मौजूदा सरकार इस बड़ी विसंगति को दूर कर नए सिरे से पैकेज दरें लागू कर सकती हैं।
25 लाख बीमा कटौती पर संशय
कांग्रेस सरकार ने बीमा योजना का दायरा पहले 5 लाख, फिर 20 लाख और उसके बाद 25 लाख रुपए तक बढ़ाया था। लेकिन भाजपा इस पर पर तब से ही सवाल उठाती आ रही है। मौजूदा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर भी इसको लेकर पूर्व सरकार पर निशाना साधते हुए कह चुके हैं कि योजना में अब तक एक मामले में अधिकतम 13 लाख रुपए खर्च हुए थे। भाजपा सरकार 25 लाख बीमा कवरेज को वापस लेना तो चाहती है, लेकिन आगामी 30 जून को प्रदेश में उप चुनाव को देखते हुए अभी इस पर फैसला लेने में सरकार असमंजस में नजर आ रही है। चिकित्सा विभाग में इस पहलु पर भी विचार चल रहा है कि जब 25 लाख तक का क्लेम लेने वाले आ ही नहीं रहे हैं तो उसमें कटौती कर योजना का दायरा छोटा करने का संदेश नहीं दिया जाना चाहिए। ऐसे में सभी प्रकार की सावधानी बरतते हुए सरकार आगे बढ़ रही है।