मार्च में भजनलाल सरकार ने ऊर्जा क्षेत्र में 1.60 लाख करोड़ के विभिन्न एमओयू किए थे । उसी के तहत अलग-अलग कंपनियों के साथ ज्वाइंट वेंचर बनने थे, जिसका केबिनेट बैठक में अनुमोदन किया गया। बैठक के बाद राजस्थान के उप मुख्यमंत्री प्रेमचन्द बैरवा, उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ एवं संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कैबिनेट की बैठक में हुए फैसलों की जानकारी दी।
अक्षय, तापीय ऊर्जा एवं प्रसारण परियोजनाओं के लिए ज्वाइंट वेंचर
10 मार्च 2024 को राज्य सरकार और विभिन्न केन्द्रीय पीएसयू के बीच हुए एमओयू की अनुपालना में मंत्रिमंडल की बैठक में केन्द्र सरकार की विभिन्न पीएसयू के साथ ज्वाइंट वेंचर कंपनियों के गठन के प्रस्तावों का अनुमोदन किया गया। इन परियोजनाओं में राज्य सरकार की कंपनियों की हिस्सेदारी 26 प्रतिशत और केन्द्रीय पीएसयू कंपनियों की हिस्सेदारी 74 प्रतिशत रहेगी। इन जेवी कंपनियों में राज्य सरकार की कंपनियों की शेयर हॉल्डिंग के लिए वर्तमान परिसंपत्तियों से अंश पूंजी की व्यवस्था की जाएगी।कोल इंडिया लिमिटेड और आरवीयूएनएल के बीच संयुक्त उपक्रम
कोल इंडिया लिमिटेड और आरवीयूएनएल के बीच दो अलग अलग जेवी की स्थापना की जाएगी। इसमें एक तापीय परियोजना एवं दूसरी अक्षय ऊर्जा परियोजना होगी। इन जेवी से बिजली की बेस लोड और पीक लोड डिमांड पूरी होगी। साथ ही बिजली उत्पादन में प्रदेश के वित्तीय भार में कमी आएगी। पहली परियोजना के अंतर्गत कालीसिंध तापीय परियोजना झालावाड़ परिसर में 800 मेगावाट की इकाई या किसी अन्य पीटहैड ग्रीनफील्ड कोयला परियोजना की स्थापना की जाएगी। दूसरी जेवी के तहत दो हजार से ढाई हजार मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजना, पंप स्टोरेज परियोजना और पवन ऊर्जा परियोजना की स्थापना की जाएगी। इन परियोजनाओं से 17 हजार 200 से 24 हजार 400 करोड़ रूपये का प्रदेश में निवेश होगा। यह भी पढ़ें