जातिगत संतुलन और क्षेत्र संतुलन को ध्यान में रखते हुए मंत्रिमंडल का गठन और संगठन में फेरबदल होना है। जयपुर और अजमेर जिले का तो मंत्रिमंडल और विधानसभा में प्रतिनिधित्व तय हो चुका है, लेकिन अन्य क्षेत्रों से अभी तक किसी तरह का प्रतिनिधित्व तय नहीं हो पाया है। आलाकमान यह विचार कर रहा है कि जिन क्षेत्रों से भाजपा ने ज्यादा सीटें जीती हैं। उन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व ज्यादा हो सकता है। मंत्रिमंडल के गठन में जातिगत संतुलन पर भी विशेष ध्यान देने के निर्देश आलाकमान ने दिए हैं। आरएसएस की भूमिका भी मंत्रिमंडल और संगठन फेरबदल में महत्वपूर्ण होने वाली है। उधर, शनिवार को मुख्यमंत्री सुबह जल्द ही सीएमओ पहुंच गए थे और दिन भर बैठकों में व्यस्त रहे। एक कार्यक्रम में भी शामिल हुए। शाम को राज्यपाल कलराज मिश्र से भी मुलाकात की।
संगठन में दी जाएगी जिम्मेदारी
भाजपा प्रदेश संगठन में भी फेरबदल को लेकर तेजी से काम चल रहा है। मंत्रिमंडल में जाट, मीना, गुर्जर सहित अन्य जातियों को प्रतिनिधित्व नहीं मिला है। ऐसे में इन तीन जातियों में से या फिर किसी राजपूत नेता को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी। फिलहाल पार्टी को यह तय करना है कि यह फेरबदल इसी माह करना है या फिर लोकसभा चुनाव के बाद।
भाजपा प्रदेश संगठन में भी फेरबदल को लेकर तेजी से काम चल रहा है। मंत्रिमंडल में जाट, मीना, गुर्जर सहित अन्य जातियों को प्रतिनिधित्व नहीं मिला है। ऐसे में इन तीन जातियों में से या फिर किसी राजपूत नेता को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी। फिलहाल पार्टी को यह तय करना है कि यह फेरबदल इसी माह करना है या फिर लोकसभा चुनाव के बाद।
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सीएमओ में पहली स्थायी नियुक्ति, पुराने चार अफसर एपीओमुख्यमंत्री कार्यालय में तीन अफसरों को अस्थायी कार्यभार देने के बाद शनिवार को पहली स्थायी नियुक्ति भी हो गई है। आरएएस अफसर योगेश श्रीवास्तव को मुख्यमंत्री का ओएसडी नियुक्त किया गया है। श्रीवास्तव इससे पहले लोकसभा में उप सचिव के पद पर प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत थे। इसी के साथ मुख्यमंत्री कार्यालय में कार्यरत चार आईएएस अफसरों को एपीओ भी किया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रमुख सचिव कुलदीप रांका, गौरव गोयल, आरती डोगरा व राजन विशाल को एपीओ किया गया है।
विभागों के बंटवारों का भी हो रहा इंतजार
मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री को शपथ तो दिलवाई जा चुकी है, लेकिन दो दिन निकल जाने के बाद भी अभी तक विभागों का बंटवारा नहीं हो सका है। सूत्रों के अनुसार विभागों के बंटवारे को लेकर दिल्ली में भी चर्चा होनी है। इसके बाद ही विभागों का बंटवारा हो सकेगा।
मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री को शपथ तो दिलवाई जा चुकी है, लेकिन दो दिन निकल जाने के बाद भी अभी तक विभागों का बंटवारा नहीं हो सका है। सूत्रों के अनुसार विभागों के बंटवारे को लेकर दिल्ली में भी चर्चा होनी है। इसके बाद ही विभागों का बंटवारा हो सकेगा।
मुख्यमंत्री शिफ्ट होंगे नई जगह
सीएम भजनलाल शर्मा राज्य विद्युत प्रसारण निगम के गेस्ट हाउस में अस्थायी रूप से रह रहे हैं, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से उनका अस्थायी निवास बदल सकता है। बताया जा रहा है कि उनको जेएलएन मार्ग स्थित हरिशचंद्र माथुर लोक प्रशासन संस्थान (ओटीएस) में शिफ्ट किया जा सकता है। सीएम की सुरक्षा टीम ने ओटीएस के गेस्ट हाउस का अवलोकन भी कर लिया है।
सीएम भजनलाल शर्मा राज्य विद्युत प्रसारण निगम के गेस्ट हाउस में अस्थायी रूप से रह रहे हैं, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से उनका अस्थायी निवास बदल सकता है। बताया जा रहा है कि उनको जेएलएन मार्ग स्थित हरिशचंद्र माथुर लोक प्रशासन संस्थान (ओटीएस) में शिफ्ट किया जा सकता है। सीएम की सुरक्षा टीम ने ओटीएस के गेस्ट हाउस का अवलोकन भी कर लिया है।
टास्क फोर्स गठित करने के दिए निर्देश
मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद गृह विभाग ने पुलिस महानिदेशक को पेपर लीक मामलो की जांच के लिए एसआईटी और संगठित अपराध रोकने के लिए एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स गठित करने को कहा है। दोनों की ही कमान अतिरिक्त महानिदेशक स्तर के पुलिस अधिकारी को दी जाएगी। ये पुराने मामलो की जांच करने के साथ ही अपराधों पर नियंत्रण का काम करेगी।
मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद गृह विभाग ने पुलिस महानिदेशक को पेपर लीक मामलो की जांच के लिए एसआईटी और संगठित अपराध रोकने के लिए एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स गठित करने को कहा है। दोनों की ही कमान अतिरिक्त महानिदेशक स्तर के पुलिस अधिकारी को दी जाएगी। ये पुराने मामलो की जांच करने के साथ ही अपराधों पर नियंत्रण का काम करेगी।