सूत्रों का कहना है कि मंत्रिमंडल विस्तार पर जो भी निर्णय होगा, वह जनवरी में विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने से पहले ही होगा। पार्टी में चर्चा है कि मंत्रिमंडल फेरबदल होगा या मंत्रिमंडल विस्तार और दोनों ही नहीं हुए तो फिर कुछ मंत्रियों के विभागों में बदलाव किया जा सकता है। विभागों में फेरबदल की संभावनाएं सबसे ज्यादा हैं।
कामकाज को लेकर असंतुष्टि की जाहिर
दरअसल, एक साल के कम समय में मंत्रियों के कामकाज का आंकलन कर उन्हें हटाना ठीक नहीं होगा, ऐसे में उनके विभागों के कामकाज की समीक्षा की संभावनाएं ज्यादा हैं। बताया जा रहा है कि सीएम ने चार-पांच मंत्रियों के कामकाज को लेकर असंतुष्टि जाहिर की थी। इसकी जानकारी उन्होंने दिल्ली में बड़े नेताओं को भी दे दी है। दिल्ली दौरे के दौरान अमित शाह से हुई मुलाकात में इन मंत्रियों पर भी चर्चा होना बताया जा रहा है। मंत्रिमंडल में 6 सीटें रिक्त
राजस्थान में नियमानुसार 30 मंत्री बनाए जा सकते हैं। सरकार गठन के बाद सीएम सहित कुल 25 मंत्री थे। सुरेन्द्र पाल सिंह टीटी को विधायक चुने जाने से पहले ही मंत्री बना दिया गया था। इसके बाद विधानसभा चुनाव में उनकी हार हो गई और उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। अब सीएम सहित 24 मंत्री हैं। 6 सीटें रिक्त है। मंत्रिमंडल कोटे में कुछ जातियों का प्रतिनिधित्व भी नहीं है। ऐसे में सरकार चाहती है कि जल्द मंत्रिमंडल विस्तार या फेरबदल किया जाए।