भाजपा जहां, बगावत थाम यह मान कर चल रही है कि परिणाम बहुत अच्छे आएंगे। वहीं, कांग्रेस का मानना है कि इन सात सीटों में से कांग्रेस उन सीटों पर तो मजबूत है ही, जो विधानसभा चुनाव में जीती गई थी। वहीं, बीएपी और आरएलपी ने भी अपनी-अपनी सीटों पर पूरी ताकत झोंक दी है। राजनीतिक दलों के प्रमुख नेता यही दावा कर रहे हैं कि वे सभी सीटों पर अच्छी स्थिति में है, लेकिन इन दलों के आंतरिक फीडबैक के आंकड़े कुछ और ही कह रहे हैं।
भाजपा : पूरा उपचुनाव हमारे पक्ष में रहेगा
भाजपा नेताओं का कहना है कि यह पूरा उपचुनाव भाजपा के पक्ष में रहेगा। प्रतिदिन फीडबैक ले रहे जयपुर बैठे नेताओं के मुताबिक छह सीटों पर भाजपा की स्थिति अच्छी है। छह में से चार सीटें देवली-उनियारा, सलूम्बर, झुंझुनूं और खींवसर को भाजपा जीती हुई मान रही है, वहीं दौसा और रामगढ़ सीट को भाजपा टक्कर में मान कर चल रही है। सीएम भजनलाल शर्मा और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने पूरी चुनाव कमान संभाली हुई है।कांग्रेस: चार पर मजबूत, दो पर टक्कर
कांग्रेस नेता चार सीटों पर स्वयं को सबसे मजबूत और दो सीटों पर टक्कर मानकर चल रहे हैं। कांग्रेस नेताओं के मुताबिक झुंझुनूं, रामगढ़, दौसा और सलूम्बर में पार्टी मजबूत स्थिति में है। वहीं, देवली- उनियारा और खींवसर में कड़ी टक्कर की बात कही जा रही है। कांग्रेस में चुनाव प्रचार की कमान टीकाराम जूली, गोविन्द सिंह डोटासरा, सचिन पायलट ने संभाल रखी है। अशोक गहलोत ने भी शुरुआत में कुछ सीटों पर सभाएं की थी। यह भी पढ़ें
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बीएपी: एक पर जीत, एक पर टक्कर का दावा
बीएपी से जुडे़ नेता आश्वस्त हैं कि वे चौरासी विधानसभा सीट पर जीत दर्ज करेंगे। वहीं, सलूम्बर में बीएपी प्रत्याशी को मजबूत टक्कर में मान कर चल रहे हैं। सलूम्बर में टक्कर के पीछे कारण बताया जा रहा है कि वहां विधानसभा चुनावों में भी बीएपी प्रत्याशी ने अच्छी टक्कर दी थी और उसी प्रत्याशी को बीएपी ने दुबारा चुनाव मैदान में उतारा है।आरएलपी: खींवसर सीट पर जीत का दावा
आरएलपी नेता आश्वस्त हैं कि वे खींवसर सीट पर जीतेंगे। विधानसभा चुनाव में भले ही कम वोटों से चुनाव जीता हो, लेकिन दावा किया जा रहा है कि आरएलपी प्रत्याशी इस बार ज्यादा वोटों से जीतेंगी। आरएलपी का पूरा जोर बूथ मैनेजमेंट पर है। यह भी पढ़ें