बता दें प्रदेश में झुंझुनूं, दौसा, देवली-उनियारा, खींवसर चौरासी, सलूंबर, रामगढ़ सीटों पर 13 नवंबर को वोटिंग होगी और 23 नवंबर को नतीजे आएंगे।
सात सीटों पर आचार संहिता लागू
दरअसल, चुनावों की तारीख जारी होते ही इन सात सीटों पर तत्काल प्रभाव से आचार संहिता लागू हो गई है। आचार संहिता लगने के साथ ही इन सीटों पर अब कोई भी उद्घाटन, लोकार्पण और सरकारी योजना की घोषणा नहीं हो सकेगी। बता दें सरकार अब ऐसी कोई घोषणा नहीं कर सकेगी जिससे कि इन सीटों पर वोटर प्रभावित हो, ऐसे में नए सरकारी कामों पर रोक रहेगी। वहीं मंत्री 7 सीटों वाले इलाकों में सरकारी वाहनों व सुविधाओं का उपयोग नहीं कर सकेंगे।
इन सीटों पर होना है उपचुनाव
राजस्थान में सात सीटों पर उपचुनाव होगा। इन विधानसभा सीटों में से 4 सीट कांग्रेस, 1 सीट बेनीवाल की RLP, 1 सीट राजकुमार रोत (बाप) की थी। वहीं 1 सीट पर बीजेपी जीती थी।
गौरतलब है कि खींवसर (नागौर), झुंझुनूं, दौसा, चौरासी (डूंगरपुर) और देवली उनियारा सीट लोकसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद खाली हुई हैं। हनुमान बेनीवाल, बृजेन्द्र ओला, मुरारीलाल मीना, राजकुमार रोत और हरिश्चन्द्र मीणा के सांसद बनने से पांच विधानसभा सीट खाली हुई थी। इसके बाद सलुम्बर से भाजपा विधायक अमृतलाल मीना और रामगढ़ से कांग्रेस विधायक जुबैर खान के निधन के बाद यह दोनों सीट भी खाली हुई हैं।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में होने वाले इन उपचुनाव में प्रदेश की दोनों ही बड़ी पार्टी कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओ की प्रतिष्ठा दांव पर रहेगी। जहां एक तरफ मौजूदा भाजपा सरकार अपने 10 महीने के कार्यकाल को लेकर चुनाव में उतरेग, वहीं कांग्रेस पार्टी अपनी पूर्ववर्ती सरकार की योजनाओं और मौजूदा सरकार की कमियों को लेकर चुनावी मैदान में नजर आएगी।