क्या मान जाएंगे नरेश मीना …?
नरेश मीना ने देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के खिलाफ लड़ाई का आगाज कर दिया है। उन्होंने नामांकन के अंतिम दिन शुक्रवार को अपना पर्चा दाखिल किया। जबकि कांग्रेस ने कस्तूर चंद मीना को टिकट देकर मैदान में उतारा है। नरेश मीना के बगावत करने के बाद पार्टी के नेता चिंता में है और वे अब नरेश को नामांकन वापस लेने को लेकर डैमेज-कंट्रोल करने में जुटे हैं। देवली-उनियारा के लिए कांग्रेस ने वरिष्ठ पर्यवेक्षक के तौर पर पूर्व मंत्री हरिमोहन शर्मा, सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल, विधायक प्रशांत शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष रामविलास चौधरी, करण सिंह उचियारड़ा, राखी गौतम, किशन लाल को जिम्मेदारी सौंपी है।
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झुंझुनूं में कांग्रेस की बढ़ी टेंशन!
उधर, झुंझुनूं विधानसभा सीट से रिटायर्ड आईएएस अशफाक हुसैन ने कांग्रेस के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है। मुस्लिम महापंचायत ने कांग्रेस के परम्परागत वोट बैंक का हवाला देते हुए मुस्लिम को टिकट देने की मांग की थी। हालांकि पार्टी ने बृजेंद्र ओला के बेटे अमित ओला को मौका दिया है। जिसके बाद मुस्लिम समाज में कांग्रेस के प्रति नाराजगी का माहौल देखने को मिल रहा है। जिसके बाद कांग्रेस नेता लगातार ड्रैमेज कंट्रोल में जुटे हुए हैं। बता दें कि पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने भी झुंझुनूं सीट से नामांकन किया है। ऐसे में माना जा रहा है कि यहां मुकाबला काफी रोचक होने वाला है। कांग्रेस ने इस सीट की जिम्मेदारी वरिष्ठ पर्यवेक्षक के तौर पर पूर्व मंत्री गोविंद राम मेघवाल, विधायक हाकम अली, अनिल शर्मा, अमित चाचान, हाकम अली, हेमसिंह शेखावत, प्रदेश उपाध्यक्ष नसीम अतर, महासचिव रामसिंह कस्बा को सौंपी है।