सामने आ रहा है कि उम्मीदवार का चेहरा और स्थानीय मुद्दे पर इस चुनाव में हावी रहेंगे। 7 में से 3 विधानसभा क्षेत्रों में तो रोजगार के अभाव में पलायन बड़ी समस्या है। प्रदेश में भाजपा की नई सरकार को दस माह हो चुके हैं। कांग्रेस की कोशिश है कि चुनाव को सरकार बनाम स्थानीय मुद्दों पर लड़ा जाए, वहीं भाजपा की कोशिश है कि स्थानीय मुद्दों के साथ कार्यकर्ताओं को एकजुट रख ऐसे प्रत्याशी चुनाव में उतारे जाएं, जो खुद मजबूत हों।
भाजपा में कुछ बड़े नेताओं को झुंझुनूं, खींवसर, दौसा सीट से टिकट दिए जाने की चर्चा है, लेकिन एकाध को छोड़ बड़े नेता अभी तक चुनाव लड़ने से इनकार कर रहे हैं। इससे यहां भी भाजपा स्थानीय कार्यकर्ताओं पर फोकस कर रही है। कांग्रेस भी कुछ सीटों पर बड़े नेताओं के परिवार में ही टिकट पर मंथन कर रही है। रामगढ़ सीट पर जरूर चुनावी समीकरण ऐसे बने हैं, कि वहां दोनों ही दल वोटों के ध्रुवीकरण के भरोसे दिख रहे हैं।
गठबंधन टूटा, अब होगा त्रिकोणीय मुकाबला
सात सीटों में से दो सीटें चौरासी और सलूंबर पर भाजपा ने विशेष फोकस किया है। विधानसभा चुनाव में भाजपा चौरासी सीट हार गई थी और सलूंबर सीट जीत गई थी। इन दोनों सीटों पर भाजपा का मुकाबला सिर्फ कांग्रेस से ही नहीं, बीएपी से भी है। बाप ने दोनों सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का एलान कर दिया है। पिछला चुनाव चौरासी में बीएपी ने जीता। वहीं, सलूंबर सीट पर बीएपी को अच्छे वोट मिले थे। कांग्रेस ने गत विधानसभा और लोकसभा चुनाव में बीएपी प्रत्याशियों को समर्थन दिया था। लेकिन भारतीय आदिवास पार्टी ने टिकट का एलान कर गठबंधन की चर्चाओं पर ब्रेक लगा दिया है। भारतीय आदिवासी पार्टी ने उदयपुर जिले की सलूंबर सीट और बांसवाड़ा जिले की चौरासी सीट से उम्मीदवार का एलान कर दिया है। पूरी खबर पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें …. Rajasthan Bypoll: गठबंधन पर लगा ब्रेक! BAP ने 2 सीटों पर उम्मीदवार का किया एलान, अब क्या करेगी कांग्रेस?
इन हालात में यहां त्रिकोणीय मुकाबले के आसार हैं। लोकसभा चुनाव में आरएलपी से गठबंधन कर चुकी कांग्रेस का अब उप चुनाव में खींवसर सीट पर गठबंधन को लेकर पेच फंसा है। दोनों ओर से सिर्फ बयानबाजी हो रही है।
विधानसभा क्षेत्र और उनके प्रमुख चुनावी मुद्दे…
सलूंबर
- गुजरात व महाराष्ट्र पलायन बढ़ रहा, ग्रामीण क्षेत्र में औद्योगिक विकास की जरूरत
- उदयपुर से बांसवाड़ा, रतलाम मेगा हाईवे तथा करकी चौकी से खेरवाड़ा को फोरलेन सड़क से जोड़ना
- जयसमंद झील को माही डेम, नागलिया और जाखम बांध से पानी लाकर भरा जाए
चौरासी
- गुजरात बढ़ा पलायन, इसे रोकने को औद्योगिक विकास की जरूरत, शिक्षा-चिकित्सा संसाधनों का अभाव
- कड़ाणा का पानी चौरासी के गांवों तक पहुंचाने का काम जल्द हो पूरा, पेयजल से बढ़ी परेशानी
- दुग्ध संग्रहण प्लांट और कृषि मंडी नहीं होने से दूध और अनाज किसान गुजरात भेजने को मजबूर
रामगढ़
- गोविंदगढ़ और रामगढ़ कस्बे में आरओबी की लंबे समय से मांग
- गोविन्दगढ़ में उप जिला अस्पताल व रामगढ़ में रीको इंडस्ट्रीयल एरिया जल्द बनाने की मांग
- युवा रोजगार को पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, उड़ीसा, असम पलायन को मजबूर, औद्योगिक विकास बढ़े
खींवसर
- लाइम स्टोन खनन छोटी लीज मिलें, लाइम स्टोन से जुड़े उद्योग लगें
- नहरी परियोजना का पूरा पानी नहीं मिलने से बढ़ रही पेयजल किल्लत
- सीमेंट कम्पनी के प्लांटों में स्थानीय को रोजगार मिले, उपखंड मुख्यालय रेल यातायात से जुड़े
दौसा
- पेयजल और सिंचाई के लिए पानी के संसाधन विकसित किए जाएं
- औद्योगिक विकास बढ़े, जिसे स्थानीय लोगों को रोजगार मिले
- दौसा-जयपुर के लिए सिटी बसों का संचालन किया जाए
देवली-उनियारा
- देवली में एडीजे कोर्ट की मांग लंबे समय से पूरी नहीं हो रही
- उनियारा में ट्रॉमा हॉस्पिटल की जरूरत
- दूनी में उपखण्ड मुख्यालय की मांग तेज
झुंझुनूं
- उद्योगपति और व्यापारी लंबे समय से एयरपोर्ट की मांग कर रहे, जबकि देश में कई बड़े उद्योगपति झुंझुंनूं से
- शहर के बीच से गुजर रही रेलवे लाइन पर ओवरब्रिज की जरूरत, ओवरब्रिज का कार्य पांच साल से
- यमुना नहर से पानी लाने की लंबे समय से मांग आज तक नहीं हुई पूरी