बताया जा रहा है कि इस रूट पर पाइपलाइन और नहर दोनों तरह से काम होगा, हालांकि सब कुछ डीपीआर पर निर्भर करेगा। यह प्रोजेक्ट भी पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) का ही हिस्सा है। पहले ईसरदा बांध में पानी आएगा और वहां से
रामगढ़ बांध तक पहुंचेगा। इसमें करीब चार साल लगेंगे।
बांध में पानी की आवक होने पर जयपुर जिले की छह तहसील के एक हजार से ज्यादा गांवों में पेयजल संकट दूर होगा। साथ ही सिंचाई के लिए भी पानी मिलेगा। ईसरदा बांध से रामगढ़ बांध की दूरी (नहर रूट के आधार पर) करीब 147 किलाेमीटर है। गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका ने पहले ही इस संबंध में प्रकाशित खबर में इस कवायद की जानकारी दे दी थी।
इस तरह होगा काम
ईआरसीपी के तहत चंबल का पानी
बीसलपुर बांध में लाने के लिए नवनेरा-गलवा-बीसलपुर-ईसरदा लिंक परियोजना है। इसके बाद ईसरदा से रामगढ़ बांध तक पानी लाने का प्रोजेक्ट अलग होगा। दोनों प्रोजेक्ट पर साथ-साथ काम होगा।