बेरोजगार युवाओं को इस बजट से इन मद्दों को लेकर उम्मीदें है कि जल्द रिक्त पदों पर भर्ती, बेरोजगारी भत्ता, छात्रसंघ चुनाव, स्टार्टअप को बढ़ावा व पेपरलीक करने वालों पर कठोर कार्यवाही और परीक्षा तंत्र में सुधार हो। पिछले बजट में गहलोत सरकार के समय में भाजपा ने पेपर लीक के मामलों को लेकर लगातार कांग्रेस सरकार पर सवाल खड़ा किया। अब देखना होगा कि भजनलाल सरकार क्या इस बजट में युवाओं की उम्मीदों पर खरा उतरेगी?
अलग-अलग सेक्टर में नौकरियां मिलने की आस
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा लगातार युवाओं को सरकारी नौकरी निकालने को लेकर आश्वत कर रहे है। अब देखना होगा कि भजनलाल सरकार अपने पिटारे से इस बार राजस्थान के बेरोजगार युवाओं को अलग-अलग सेक्टर में नौकरी निकालती है या नहीं। लड़कियों को शिक्षा में आगे बढ़ाने के लिए स्कॉलरशिप जैसे प्रोग्राम होने चाहिए।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा लगातार युवाओं को सरकारी नौकरी निकालने को लेकर आश्वत कर रहे है। अब देखना होगा कि भजनलाल सरकार अपने पिटारे से इस बार राजस्थान के बेरोजगार युवाओं को अलग-अलग सेक्टर में नौकरी निकालती है या नहीं। लड़कियों को शिक्षा में आगे बढ़ाने के लिए स्कॉलरशिप जैसे प्रोग्राम होने चाहिए।
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पेपर लीक से मिले निजातराजस्थान में सरकार बदलने के साथ ही पेपर लीक को लेकर लगातार कार्रवाई हो रही है। पूर्ववर्ती सरकार में आयोजित हुई प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली पर धांधली के नित नये खुलासे हो रहे है। ऐसे में भजनलाल सरकार से प्रदेश का युवा आस लगाए बैठा है कि पूर्ववर्ती परीक्षाओं को लेकर न्याय होगा व आगामी प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक जैसे मुद्दों से निजात मिल पाएगी।
छात्रसंघ चुनाव
लम्बे समय से विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में हर साल होने वाले छात्रसंघ चुनावों के लिए छात्र तैयारी करते हैं। चुनाव की तैयारी से लेकर जीतने तक लाखों रुपए खर्च करते हुए दिन रात मेहनत करते हैं। पिछली सरकार ने छात्र नेताओं की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। इस बार छात्र नेताओं को आस है कि छात्रसंघ चुनाव दोबारा से शुरू सके।
लम्बे समय से विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में हर साल होने वाले छात्रसंघ चुनावों के लिए छात्र तैयारी करते हैं। चुनाव की तैयारी से लेकर जीतने तक लाखों रुपए खर्च करते हुए दिन रात मेहनत करते हैं। पिछली सरकार ने छात्र नेताओं की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। इस बार छात्र नेताओं को आस है कि छात्रसंघ चुनाव दोबारा से शुरू सके।
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पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के कार्यकाल में लाई गई बेरोजगार भत्ता योजना आचार संहिता लागू होने के बाद से ही ठप है । सितंबर 2023 से अब तक इस योजना में बेरोजगारों का करीब 500 करोड़ रुपये का भत्ता जारी नहीं किया जा सका है। यही नहीं योजना में शामिल होने के लिए करीब एक लाख नए आवेदन भी सरकार के पास पेंडिंग हैं। ऐसे में कांग्रेस के लिए यह सरकार को घेरने के लिए बड़ा मुद्दा है। योजना संचालित करने वाले श्रम एवं रोजगार विभाग के अनुसार विभाग की तरफ से इसके बिल वित्त विभाग को सबमिट किए जा चुके हैं और करीब एक लाख नए आवेदन भी सरकार के पास आ चुके हैं। वित्त विभाग से इस संबंध में बात हो चुकी है और बेरोजगारों को जल्द ही भत्ता जारी कर दिया जाएगा। यही कारण है कि युवाओं को बेरोजगारी भत्ते के फिर से शुरू होने की उम्मीदें हैं।
पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के कार्यकाल में लाई गई बेरोजगार भत्ता योजना आचार संहिता लागू होने के बाद से ही ठप है । सितंबर 2023 से अब तक इस योजना में बेरोजगारों का करीब 500 करोड़ रुपये का भत्ता जारी नहीं किया जा सका है। यही नहीं योजना में शामिल होने के लिए करीब एक लाख नए आवेदन भी सरकार के पास पेंडिंग हैं। ऐसे में कांग्रेस के लिए यह सरकार को घेरने के लिए बड़ा मुद्दा है। योजना संचालित करने वाले श्रम एवं रोजगार विभाग के अनुसार विभाग की तरफ से इसके बिल वित्त विभाग को सबमिट किए जा चुके हैं और करीब एक लाख नए आवेदन भी सरकार के पास आ चुके हैं। वित्त विभाग से इस संबंध में बात हो चुकी है और बेरोजगारों को जल्द ही भत्ता जारी कर दिया जाएगा। यही कारण है कि युवाओं को बेरोजगारी भत्ते के फिर से शुरू होने की उम्मीदें हैं।