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जयपुर

राजस्थान : आखिर गहलोत राज की तुलना मुग़ल राज से क्यों कर रही भाजपा? जानिए वजह

– आरटीआई कार्यकर्ता अपहरण-पिटाई मामला, भाजपा ने फिर उठाया बिगड़ी कानून व्यवस्था का मुद्दा, ‘गृह मंत्री’ अशोक गहलोत पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष हमलावर, मुगलों के राज से कर डाली गहलोत शासन की तुलना
 

जयपुरDec 23, 2021 / 10:38 am

Nakul Devarshi

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जयपुर।

बाड़मेर में एक आरटीआई कार्यकर्ता के अपहरण के बाद उसकी बेहरमी से पिटाई करने का मामला गरमा गया है। भाजपा नेताओं ने इस मामले को उठाते हुए एक बार फिर प्रदेश में बिगड़ी कानून व्यवस्था के मुद्दे पर गहलोत सरकार को घेरा है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया ने तो मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए राजस्थान की तुलना मुग़ल साम्राज्य के शासन से कर डाली।

 

क्या राजस्थान में मुगलों का राज है?: पूनिया

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया ने आज एक ट्वीट करते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा, ‘उफ़, ये कौन सा लोकतंत्र है? कौन सी और कैसी सरकार है? क्या राजस्थान में अभी भी मुग़लों का राज है क्या? किस गलतफहमी में हैं? जनता एक-एक कील के दर्द का हिसाब लेगी। अपने स्वार्थ के लिए लोकतंत्र का राग अलापने वाले मुख्यमंत्री जी के पास इसका कोई जवाब है क्या?

 

जंगलराज का जीता-जागता प्रमाण है : राठौड़

उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि बाड़मेर में आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा भ्रष्टाचार व अवैध शराब बेचने की शिकायत करने पर बदमाशों द्वारा बेरहमी से मारपीट एवं पैरों में लोहे की कीलें ठोकने जैसी निर्मम व क्रूरतम घटना बेहद निंदनीय, दुर्भाग्यपूर्ण एवं गहलोत सरकार के जंगलराज का जीता-जागता प्रमाण है।


सूचना का अधिकार अधिनियम को प्रभावी बनाने के लिए काम कर रहे आरटीआई कार्यकर्ता पर हमले की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले बाड़मेर में ही एक आरटीआई कार्यकर्ता की पुलिस हिरासत में मौत हुई थी। गहलोत सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करने की सजा आरटीआई कार्यकर्ताओं को भुगतनी पड़ रही है।

 

ये है मामला-
बाड़मेर जिले के गिड़ा थाना इलाके में बुधवार रात आरटीआई कार्यकर्ता अमराराम पर जानलेवा हमला हुआ। बदमाशों ने पहले अमराराम का अपहरण किया और इसके बाद बेरहमी से पिटाई की। इसके बाद गांव के पास सड़क किनारे फेंक कर फरार हो गए। फिलहाल अमराराम को गंभीर हालत में जोधपुर में भर्ती कराया गया है जहां, इलाज जारी है।

 

सामने आया है कि आरटीआई कार्यकर्ता अमराराम ने शराब माफियाओं की 2 दिन पहले ही शिकायत की थी। शिकायत के बाद पुलिस ने कार्यवाही की थी। जानकारी के अनुसार आरटीआई कार्यकर्ता अमराराम लगातार अवैध शराब माफियाओं के खिलाफ पुलिस को जानकारी दे रहा था। साथ ही ग्राम पंचायत में होने वाले घोटालों को लेकर भी एक्टिविस्ट का काम कर रहा था।

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