बता दें राठौड़ के जिलों को रद्द करने वाले बयान के बाद सबस पहले विरोध के स्वर सांचोर से ही उठे थे। और सांचोर में भाजपा-कांग्रेस के नेताओं ने सोशल मीडिया पर जिला बचाओ अभियान भी चला रखा है।
पहले दिया था ये बयान
दरअसल, बीते रविवार को जयपुर से उदयपुर जाते समय भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ भीलवाड़ा में रूके थे। यहां सांसद दामोदर अग्रवाल के आवास पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा था कि, “गहलोत सरकार ने कई गलत जिले बना दिए, जो सिर्फ तुष्टीकरण करने के लिए बनाए गए हैं, हम इन्हें हटाएंगे। कुछ जिले सिर्फ जनप्रतिनिधियों को खुश करने के लिए बनाए गए, ऐसे में हम 6-7 जिलों को समाप्त करेंगे।” इस बयान के बाद सांचौर, केकड़ी में विरोध के सुर उठने लगे हैं। वहीं सांचौर जिले में मामला थोड़ा और गरम हो गया, क्योंकि पूर्व मंत्री सुखराम विश्नोई ने मोर्चा खोल दिया है।
राठौड़ का कथित ऑडियो भी वायरल
बता दें, मदन राठौड़ का एक कथित ऑडियो कॉल वायरल है, जिसमें वो कार्यकर्ता से जिले रद्द करने को लेकर कुछ बातचीत करते हुए सुनाई दे रहे हैं। इसमें मदन राठौड़ कह रहे हैं कि, “वो प्रेस वालों ने पूछा तो मैंने ऐसे ही बोल दिया, बाकी जिले रद्द करना इतना आसान काम नहीं है..वो बात अब आई-गई हो गई, हम ज़िले वाली पंचायती में नहीं है किसी को एक बार कुछ दे दो फिर लेने में कितनी तकलीफ़ होती है।”
सुखराम विश्नोई ने दी थी ये चेतावनी
गौरतलब है कि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ के बयान के बाद कांग्रेस नेताओं ने भी पलटवार किया है। पूर्व मंत्री सुखराम विश्नोई ने चेतावनी देते हुए कहा था कि सांचोर जिला था और रहेगा। सुखराम विश्नोई ने कहा था कि, “मैं मदन राठौड़ से निवेदन करना चाहता हूं कि सांचोर जो जिला बना है वो पुराना जिला जालोर से 150 किमी की दूरी पर स्थित है। इसके दुरस्त जो सांचोर जिले के गांव है उनकी जालोर से दूरी 220-230 किमी है।” 30 अगस्त कमेटी सौंप चुकी है रिपोर्ट
बताते चलें कि भजनलाल सरकार ने 17 नए जिलो के रिव्यू के लिए 12 जून को उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा के संयोजन में एक मंत्रिमंडलीय उप-समिति गठित की थी। मंत्रिमंडलीय उप समिति के सहयोग के लिए पूर्व आईएएस ललित के पंवार की अध्यक्षता में एक हाई लेवल एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया था। कमेटी ने 30 अगस्त को सरकार को रिपोर्ट सौंप दी हैं। जानकारी के मुताबिक पंवार कमेटी ने कई छोटे जिलों को जिले के मापदंडों के हिसाब से सही नहीं माना है।
डिस्कलेमर : राजस्थान पत्रिका इस कथित ऑडियो कॉल की पुष्टि नहीं करता है।