भाजपा ने राजस्थान में संगठन के लिहाज से 44 जिला संगठन इकाइयां बना रखी हैं। ऐसे में 44 जिला अध्यक्ष ही संगठन के लिए काम करते हैं। प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए जो मापदंड तय हैं। उसके मुताबिक 23 जिलों में अध्यक्षों की नियुक्ति जरूरी है। इसलिए पार्टी का पूरा फोकस इसी मामले पर है कि कैसे भी करके कम से कम 23 जिलों में पार्टी जिला अध्यक्ष की नियुक्ति बिना किसी विवाद के कर दें।
प्रमुख नेताओं के साथ आज लेंगे बैठक
भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी. एल. संतोष रविवार को भाजपा संगठन के प्रमुख नेताओं के साथ बैठक करेंगे। उनकी सीएम भजनलाल शर्मा, भाजपा के प्रदेश प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल, प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़, संगठन चुनाव में जुड़े नेताओं के साथ बैठक प्रस्तावित है। संतोष का रविवार रात को ही जयपुर आने का कार्यक्रम है। माना जा रहा है कि इस दौरे में ही जिला अध्यक्षों को लेकर चर्चा हो जाएगी और आगामी तीन से पांच दिन में जहां-जहां विवाद नहीं है, वहां-वहां जिला अध्यक्षों की घोषणा कर दी जाएगी। इन जिलों में सबसे ज्यादा विवाद की आशंका
पार्टी सूत्रों के अनुसार जिन जिलों में अध्यक्षों की नियुक्तियों में सबसे ज्यादा विवाद की आशंका है, उनमें जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, अजमेर, सीकर, सिरोही, भीलवाड़ा, बारां, झालावाड़, धौलपुर, दौसा, सवाईमाधोपुर, बाड़मेर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर और उदयपुर जिले शामिल है। पार्टी यहां जिला अध्यक्षों की नियुक्तियों को लेकर विशेष सावधानी बरत रही है। बताया जा रहा है कि यहां बड़े नेताओं के बीच एक-दो नामों पर सहमति नहीं बन पा रही है। कई जिलों से तो चार से ज्यादा नाम जिला अध्यक्षों के लिए आए हैं।
4 नेताओं की समिति कर रही सूची तैयार
जिला अध्यक्षों के संभावित नामों की सूची प्रदेश के चार बड़े नेताओं की समिति तैयार कर रही है। इन नेताओं में पूर्व राज्यसभा सांसद नारायण पंचारिया, राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी, राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी शामिल है। यह नेता प्रत्येक जिले से दो नए चेहरे, एक पूर्व जिला अध्यक्ष और एक वर्तमान जिला अध्यक्षों की सूची तैयार कर रहे हैं। यही सूची रविवार को बी.एल. संतोष के समक्ष रखी जाएगी।