नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने 1 अगस्त को मेहंदीपुर बालाजी के दर्शन के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए सचिन पायलट की जमकर तारीफ की और कहा कि सचिन पायलट ने मरी हुई पार्टी को जिंदा कर दिया था और सीएम गहलोत उन्हें निकम्मा-नकारा कहते हैं। नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के इस बयान के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।
जानकारों की माने तो नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया की ओर से सचिन पायलट की तारीफ करने के पीछे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर सियासी हमला है। भाजपा नेता पायलट की तारीफ की आड़ में सीएम गहलोत को निशाना पर ले रहे हैं। सूत्रों की माने तो भाजपा नेता चाहते हैं कि कांग्रेस में सचिन पायलट के और गहलोत कैंप बीच खींचतान चलती रहे जिसका लाभ विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हो सके।
बीजेपी के एक दर्जन नेता कर चुके सचिन पायलट की तारीफ
दरअसल राजस्थान में सियासी संकट के बाद से ही बीजेपी के एक दर्जन केंद्रीय नेता और प्रदेश के नेता खुलकर सचिन पायलट की तारीफ कर चुके हैं। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, पूर्व राज्यसभा सांसद ओम माथुर, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया सहित कई अन्य नेता कई बार मीडिया में और सार्वजनिक मंचों पर भी सचिन पायलट की जमकर तारीफ कर चुके हैं।
गहलोत सरकार पर आए सियासी संकट के दौरान जुलाई 2020 में ओम प्रकाश माथुर ने सचिन पायलट को भाजपा में शामिल होने का ऑफर तक दे दिया था।
बीजेपी के कई नेता यह कहते नहीं थकते हैं कि विपक्ष में रहते सचिन पायलट ने जमकर मेहनत की थी और उन्हीं के दम पर राज्य में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनी लेकिन उसका फल कोई और ले गया। बीजेपी नेताओं का कहना है कि जन समर्थन आज भी सचिन पायलट के साथ है लेकिन कांग्रेस आलाकमान उनकी अनदेखी कर रहा है।
भाजपा नेताओं की प्रशंसा पर सचिन पायलट की चुप्पी
वहीं दूसरी ओर भाजपा नेताओं की ओर से लगातार सचिन पायलट की तारीफ किए जाने पर सचिन पायलट ने चुप्पी साध रखी है। सचिन पायलट भाजपा नेताओं के बयान पर कोई प्रतिक्रिया देने से बचते हैं।
गहलोत पायलट के बीच अदावत जगजाहिर
वहीं दूसरी ओर पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच अदावत जगजाहिर है। राजस्थान में कांग्रेस सरकार बनने के बाद से ही सचिन पायलट कैंप और गहलोत कैंप के बीच जुबानी जंग का दौर जारी है।
सचिन पायलट कैंप की बगावत के बाद गहलोत सरकार पर आए सियासी संकट के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को निकम्मा और नाकारा तक कहा था। वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हाल फिलहाल में भी कई बार निकम्मा और नाकारा शब्द का प्रयोग करते हुए यहां तक कह चुके हैं कि मैं अगर किसी को निकम्मा नकारा कहता हूं तो लोगों को बुरा क्यों लगता है।
सचिन पायलट भी कई बार गहलोत पर साध चुके हैं निशाना
पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान पर कई बार निशाना साध चुके हैं। निकम्मे नकारा शब्द पर सचिन पायलट ने कहा था कि अशोक गहलोत उनके पिता तुल्य है इसलिए वो उनकी बात का बुरा नहीं मानते हैं, लेकिन किसी को भी ऐसे शब्द का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए जिससे दूसरों को दुख पहुंचता हो।
यही नहीं, सचिन पायलट साल 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी को 21 सीटें और साल 2003 में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी को 56 सीटें को लेकर भी गहलोत पर निशाना साध चुके हैं।
सचिन पायलट यहां तक कह चुके हैं कि आखिर ऐसी क्या कमी रही थी कि सरकार रिपीट नहीं हो पाती है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को लेकर में सचिन पायलट ने कहा था कि लोकसभा चुनाव में मुख्यमंत्री के पुत्र वैभव गहलोत जोधपुर से चुनाव हार गए। अगर वो चुनाव नहीं हारते तो गजेंद्र सिंह शेखावत केंद्र में मंत्री नहीं बन पाते।
दोनों खेमों के बीच अभी चल रहा है कोल्ड वॉर
वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सचिन पायलट कैंप के बीच अभी भी कोल्ड वॉर चल रहा है। दोनों खेमों के नेता एक-दूसरे पर बयानबाजी करने का मौका नहीं चूकते हैं।