कोरोना संक्रमणकाल के दौरान प्रदेश भाजपा ने लगभग सभी कार्यक्रम ‘वर्चुअल’ माध्यम से ही किये हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित तमाम केंद्रीय संगठन स्तर के नेताओं का संबोधन हों या महत्वपूर्ण बैठकें या संगोष्ठियां-कार्यशालाएं, इन सभी को बंद कमरे में रहकर आयोजित किया गया है।
भाजपा का बंद कमरों से बाहर निकलकर विरोध-प्रदर्शन कोरोना साए के बीच हो रहा है। ऐसे में पार्टी नेतृत्व की ओर से इस वैश्विक बीमारी से बचकर और पूरी सावधानी से विरोध जताने के लिए बाकायदा विस्तृत गाइडलाइन्स जारी की गई हैं। विरोध-प्रदर्शन में शामिल होने वाले नेताओं को इन ‘प्रोटोकॉल’ का आवश्यक रूप से ध्यान रखने की हिदायत दी गई है।
निर्देशों के मुताबिक़ 2 सितम्बर को उपखंड कार्यालयों पर होने वाले प्रदर्शन में ज्ञापन देने के दौरान सभी विधायकों व पूर्व विधायकों को उपस्थित रहना होगा। वहीं जीएसएस कार्यालयों पर धरना देने के दौरान कोरोना संक्रमण का ध्यान रखते हुए कार्यालय के बाहर गोला बनाकर, मास्क लगाकर और सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष और सख्त रूप से पालन करने के निर्देश हैं। वहीं कलक्टरों और अन्य दफ्तरों में ज्ञापन वही दिए जाने को कहा गया है जो प्रदेश कार्यालय से भिजवाया गया होगा।
‘हल्ला बोल’ कार्यक्रम के दौरान के वीडियो और फोटो आवश्यक रूप से बनाने और उन्हें सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर ज़्यादा से ज़्यादा प्रचारित करने को भी कहा गया है।
2 और 4 सितम्बर को भी ‘हल्ला बोल’
बिजली मुद्दे पर आज के विरोध प्रदर्शन के बाद अगला ‘हल्ला बोल’ 2 सितम्बर और 4 सितम्बर को होगा। पार्टी के तय कार्यक्रम के अनुसार 2 सितम्बर को प्रदेश में कानून व्यवस्था के मुद्दे पर विरोध जताया जाएगा। इसके ज़रिये बढ़ते अपराध, बलात्कार, ह्त्या, दलित व महिला अत्याचार और सरकार की वादाखिलाफी को लेकर उपखंड अधिकारी कार्यालयों के बाहर धरना दिया जाएगा। जबकि 4 सितम्बर को जिलाध्यक्ष, सांसद, पूर्व सांसद, विधायक, पूर्व विधायक, वरिष्ठ पदाधिकारी सम्बंधित जिलों के कलक्टर्स को ज्ञापन देंगें।