केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 12 फरवरी को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी के साथ बैठक में पर्वतमाला परियोजना के तहत रोप-वे बनाए जाने की जानकारी दी थी। इसके तुरंत बाद राजस्थान सरकार एक्शन मोड में आई। इसका काम सार्वजनिक निर्माण विभाग को सौंपा गया। इस पर तेजी से काम शुरू हुआ और पर्यटन विभाग से चर्चा के बाद मात्र पांच दिनों में ही रोप वे की जगह चिह्नित कर ली गई। संभवतः सोमवार को रोप-वे के प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेज दिए जाएंगे।
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रोप-वे यानी रस्सी या तारों के सहारे बनने वाला रास्ता। आमतौर पर इसका प्रयोग पहाड़ी इलाकों में आवागमन सुगम बनाने के लिए किया जाता है। पहाड़ी क्षेत्रों में आने-जाने में काफी समय लगता है। प्रदेश में ये रोप-वे बन जाते हैं तो धार्मिक स्थलों पर आना-जाना आसान हो जाएगा। समय की काफी बचत होगी।
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त्रिनेत्र गणेश जी, सवाईमाधोपुर
रामेश्वर महादेव मंदिर, बूंदी
आमेर.नाहगरढ़, जयपुर
चौथ का बरवाड़ा, सवाईमाधोपुर
रूठी रानी महल से हवामहल, जयसमंद, उदयपुर
कुंभलगढ़ से लाखेला, राजसमंद
राजसमंद झील के चारों तरफ, राजसमंद
इंद्रगढ़, बूंदी
जीणमाता मंदिर से काजल शिखर मंदिर, सीकर
सिद्धनाथ मंदिर, कायलाना, जोधपुर
श्री गढ़ गणेश जी मंदिर, ब्रह्मपुरी, जयपुर
भैरव मंदिरए मेहंदीपुर बालाजी, दौसा
कृष्णा माताए रामगढ़, बारां
समाय माता से भंडारिया हनुमान, मदारेश्वर, बांसवाड़ा
राजाजी का तालाब, तारागढ़, अजमेर
चित्तौड़गढ़ किला, चित्तौड़गढ़।
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