राजस्थान में अब इनको नहीं मिलेगा फ्री गेहूं! भजनलाल सरकार ने उठाया बड़ा कदम, जानें
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जानें, कैसे होगी GPS से टोल वसूली?
-जीपीएस आधारिक टोल सिस्टम में यात्रा की तय की गई दूरी के आधार पर टोल की गणना करने के लिए सैटेलाइट और इन-कार ट्रैकिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है।-नए सिस्टम से शुल्क वसूली में भौतिक टोल प्लाजा की आवश्यकता समाप्त हो जाती है जिससे टोल नाकाओं पर जाम नहीं लगता।
-नई प्रणाली के लिए वाहनों में ऑन-बोर्ड यूनिट (ओबीयू) या ट्रैकिंग डिवाइस लगाना होगा। राजमार्गों पर लगे सीसीटीवी कैमरे वाहनों की स्थिति की पुष्टि करेंगे। उसके आधार पर शुल्क लिया जाएगा।
-NHAI इस प्रणाली को मौजूदा फास्टैग सेटअप के साथ लागू करेगा। टोल प्लाजा पर अलग से जीएनएसएस लेन उपलब्ध होंगी, ताकि नई प्रणाली से लैस वाहन बिना रुके गुजर सकें।