भष्ट्राचार निरोधक ब्यूरो के डीजी रवि प्रकाश महेरडा ने बताया कि रिश्वत लेते हुए जेडीए के तहसीलदार लक्ष्मीकांत गुप्ता, गिरदावर रुकमणी, रविकांत शर्मा, विमला मीणा, कनिष्ठ अभियंता खेमराज मीणा, श्री राम पटवारी जेडीए जोन-9 जयपुर एवं दलाल महेश चंद मीणा (प्राइवेट व्यक्ति) को पकड़ा है। एसीबी ने इनके पास से पीड़ित से अलग-अलग रिश्वत राशि लेते गिरफ्तार किया है।
एसीबी की
जयपुर नगर तृतीय इकाई को परिवादी ने शिकायत दी थी कि उसकी जमीन के रुपान्तरण अन्तर्गत 90 ए करवाने की एवज में जयपुर विकास प्राधिकरण जोन 9 के तहसीलदार लक्ष्मीकांत गुप्ता द्वारा एक लाख रुपए, रुकमणि गिरदावर द्वारा एक लाख रुपए, रविकांत शर्मा गिरदावर खेमराज मीणा कनिष्ठ अभियंता द्वारा 40 हजार रुपए, श्री राम शर्मा पटवारी द्वारा 20 हजार रुपए, विमला मीणा गिरदावर एवं उसके पति दलाल महेश चंद मीणा (प्राइवेट व्यक्ति) के माध्यम से 13 लाख रुपए रिश्वत राशि की मांग कर परेशान किया जा रहा है।
एसीबी ने बिछाया जाल तो फंस गए आरोपी
एसीबी के एडिशनल एसपी हिमांशु कुलदीप ने शिकायत का सत्यापन करवाया तो वह सही पाया गया। टीम ने ट्रेप की कार्रवाई करते हुए आरोपी लक्ष्मीकांत गुप्ता, तहलसीदार को 50 हजार रुपए, रुकमणि गिरदावर को 20 हजार रुपए, खेमराज मीणा कनिष्ठ अभियंता जेडीए जोन 9 जयपुर को 40 हजार रुपए, रविकांत शर्मा गिरदावर को 20 हजार रुपए एवं श्री राम पटवारी को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया। विमला मीणा गिरदावर और दलाल महेश चंद मीणा (प्राइवेट व्यक्ति) को भी मौके से गिरफ्तार किया गया।
एक साल से जेडीए के काट रहा था चक्कर
पीडि़त जेडीए के एक साल से चक्कर काट रहा था। भूमि रूपान्तरण के काम को लेकर सितंबर 2023 से उससे रुपयों की मांग की जा रही थी। पीड़ित ने तहसीलदार लक्ष्मीकांत, जेईएन, पटवारी सहित सभी से मिलने के लिए समय मांगा, लेकिन कोई उसकी बात सुनने को तैयार ही नही था। इस दौरान गिरदावर विमला मीणा का पति महेश (जेडीए में दलाली का काम करता है) ने काम कराने के लिए 12 से 13 लाख रुपए की डिमांड रखी। कई बार बात करने के बाद डेढ़ लाख रुपए में सौदा तय हुआ। एसीबी को देखकर पैसे छिपाने की कोशिश
रिश्वत की राशि देने के बाद जब एसीबी ने छापा मारा तो आरोपियों के चेहरे पर हवाईयां उड़ने लगी। आनन-फानन में वह लिए हुए पैसों को छिपाने का प्रयास करने लगे। किसी ने अलमारी के पीछे तो किसी ने दीवार की तरफ पैसे छिपाने का भरसक प्रयास किया लेकिन एसीबी की तत्परता से उनकी एक नही चली।
पूछताछ के बाद कर्मचारियों को छोड़ा
एसीबी कार्रवाई के दौरान जोन नंबर 9 के ऑफिस में करीब 50 से अधिक अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे। करीब ढाई घंटे चली कार्रवाई के दौरान एसीबी ने सभी को रोक लिया था। रिश्वत में शामिल नहीं मिलने वाले अधिकारी और कर्मचारियों को अकेले में पूछताछ के बाद छोड़ दिया।
कई कार्रवाई की जाएगी
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक डॉ रवि प्रकाश मेहरडा ने कहा की ए सी बी के पास भ्रष्टाचार से संबंधित कई महत्वपूर्ण जानकारी और साक्ष्य मौजूद हैं, इन सूचनाओं के आधार पर हम भविष्य में कड़ी कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भ्रष्टाचार में संलिप्त किसी भी स्तर के अधिकारी या कर्मचारी को एसीबी राजस्थान द्वारा बख्शा नहीं जाएगा।