जूली ने विधानसभा अध्यक्ष को लिखा पत्र
दरअसल, भीलवाड़ा के निर्दलीय विधायक अशोक कोठारी के भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने उनकी सदस्यता समाप्त करने की मांग की है। अपने पत्र में उन्होंने लिखा कि, “भारतीय जनता पार्टी के सदस्यता अभियान के दौरान भीलवाड़ा शहर से चुने हुए निर्दलीय विधायक अशोक कोठारी ने संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत दल-बदल प्रावधानों के दायरे में आ गए हैं।” उन्होंने आगे लिखा कि, “कोठारी ने दल-परिवर्तन के आधार पर निरर्हता नियम, 1985 के तहत विधिक प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ले ली है। कोठारी ने 4 सितंबर को अपना सदस्यता प्रमाण-पत्र संख्या 5826 सोशल मीडिया पर शेयर किया है। विधायक ने खुद बीजेपी की मेंबरशिप का प्रमाण शेयर किया है, इसके बाद कोई प्रमाण की आवश्यकता नहीं रह जाती है।”
दल-परिवर्तन के आधार पर सदस्यता रद्द हो- जूली
नेताप्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने आगे लिखा कि, संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत दल-परिवर्तन के आधार पर निरर्हता नियम, 1985 के पैरा संख्या-2 में साफ प्रावधान है, “संसद या राज्य विधानमंडल के किसी निर्दलीय सदस्य की मेंबरशिप जाएगी, यदि वह अपने निर्वाचन के बाद किसी भी राजनीतिक दल में शामिल हो जाता या हो जाती है।” इसके बाद स्पीकर से दल बदल कानून के प्रावधानों का हवाला देते हुए निर्दलीय विधायक अशोक कोठारी को अयोग्य घोषित करके विधानसभा से मेंबरश्पि खत्म करने की मांग की है।
सोशल मीडिया पर साझा किया था प्रमाण पत्र
हाल ही में, कोठारी ने बीजेपी की सदस्यता ली और अपना सदस्यता प्रमाण पत्र सोशल मीडिया पर साझा किया। इससे राजनीतिक गलियारों में हंगामा मच हुआ है। विपक्षी दलों ने कोठारी पर दलबदल कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत, कोई भी निर्दलीय विधायक किसी भी राजनीतिक दल की सदस्यता नहीं ले सकता है। ऐसा करने पर उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द हो सकती है। गौरतलब है कि कोठारी ने 2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के विट्ठल शंकर अवस्थी को हराया था।