हालांकि, राजश्री योजना की शुरुआत से अब तक सिर्फ 1.41% बेटियां ही तीसरी किस्त का लाभ प्राप्त कर पाई। इसका मुख्य कारण सरकारी अस्पतालों में जन्म और सरकारी स्कूलों में प्रवेश की अनिवार्यता रही। पिछले 9 वर्षों में सरकार ने पहली किस्त के तहत 38.19 लाख बेटियों को सहायता दी, लेकिन दूसरी किस्त तक यह संख्या घटकर 29.14 लाख रह गई। तीसरी किस्त तक यह संख्या 54 हजार रह गई।
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बेटियों की संख्या की बाध्यता को भी हटाया
निजी स्कूलों में पढ़ाई और निजी अस्पतालों में जन्म लेने वाली बेटियों को भी योजना का लाभ मिलेगा।परिवार में बेटियों की संख्या की बाध्यता को हटाया गया है।
यदि किसी किस्त को छोड़ दिया जाता है, तो अगले चरण की राशि मिलने में कोई रुकावट नहीं होगी
जन्म के समय सेविंग बॉन्ड की जगह अब सरकार केवल संकल्प पत्र देगी
कक्षा 12 पास करने पर मिलने वाली छठी किस्त अब 12वीं में प्रवेश लेते ही मिल जाएगी।