जयपुर। अदालती कार्यवाही को लेकर हाईकोर्ट की ओर से वकील पर कार्रवाई का मामला शनिवार तक राजस्थान बार कौंसिल को नहीं मिल पाया। उधर, जानकारी में आया कि अब तक ऐसे लगभग सभी मामलों में प्रमाण के अभाव में बार कौंसिल से कार्रवाई नहीं हो पाई।
हाईकोर्ट ने एक मामले में वकील के भद्दी भाषा प्रयोग करने के मामले को लेकर शुक्रवार को राजस्थान बार कौंसिल से कार्रवाई करने को कहा। कोर्ट ने वकील की भाषा को अवमाननाकारक और अशोभनीय माना है। कोर्ट ने महिला स्टाफ की मौजूदगी में ऐसी भाषा के इस्तेमाल पर कड़ा एतराज जताते हुए ऐसे मामलों में कार्रवाई की आवश्यकता जाहिर की। हालांकि शनिवार तक हाईकोर्ट का यह आदेश राजस्थान बार कौंसिल को नहीं मिल पाया।
बार कौंसिल को पहले भी पहुंचे मामले
भद्दी भाषा के इस्तेमाल सहित विभिन्न प्रकार के मामले पिछले सालों में हाईकोर्ट की ओर से कार्रवाई के लिए राजस्थान बार कौंसिल को भेजे गए, जिनमें जयपुर में हाईकोर्ट का फर्जी आदेश जारी होने में वकील की भूमिका का प्रकरण भी शामिल है। बार कौंसिल से इन मामलों में कार्रवाई नहीं हो पाती। इस पर बार कौंसिल के सदस्यों व पूर्व पदाधिकारियों से बात की गई तो सामने आया कि ऐसे मामलों में हाईकोर्ट से आदेश तो आता है, लेकिन प्रमाण नहीं होता। बार कौंसिल की कमेटी मामला बार कौंसिल भेजने वाले हाईकोर्ट के अधिकारी को सुनवाई के लिए बुलाती है, लेकिन हाईकोर्ट की ओर से कमेटी के सामने अधिकारी हाजिर ही नहीं होता। इसके चलते मामला लंबित रहता है और तय समयसीमा निकलने के कारण मामला बार कौंसिल आॅफ इंडिया के पास चला जाता है। वहां मामला सालों तक अटका रहता है।
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