प्रधानमंत्री ने चारों राज्य सरकारों से आग्रह है कि इस दिशा में विस्तृत चर्चा करें एक रोडमैप तैयार करें ताकि गोविंद गुरु का स्मृति स्थल भी पूरे विश्व में अपनी पहचान बनाए। प्रधानमंत्री ने विश्वास जताते हुए कहा कि मानगढ़ धाम का विकास इस क्षेत्र को नई पीढ़ी की प्रेरणा के लिए एक जागृत स्थल बनेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन की 10 बड़ी बातें
– ‘आजादी के ‘अमृत महोत्सव’ में हम सभी का मानगढ़ धाम आना, हम सभी के लिए प्रेरक और सुखद है। मानगढ़ धाम जनजातीय वीर-वीरांगनाओं के तप, त्याग, तपस्या और देशभक्ति का प्रतिबिंब है। ये राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश के साथ ही महाराष्ट्र की साझी विरासत है।’
– ‘गोविंद गुरू जैसे महान स्वतंत्रता सेनानी भारत की परंपराओं और आदर्शों के प्रतिनिधि थे। वे किसी रियासत के राजा नहीं थे लेकिन वे लाखों आदिवासियों के नायक थे। अपने जीवन में उन्होंने अपना परिवार खो दिया लेकिन हौंसला कभी नहीं खोया।’
– ‘भारत का अतीत, वर्तमान और भविष्य आदिवासी समाज के बिना पूरा नहीं होगा। हमारी आजादी की लड़ाई का पग-पग, इतिहास का पन्ना-पन्ना आदिवासी वीरता से भरा पड़ा है।’
– ‘गोविंद गुरु का वो चिंतन, वो बोध, आज भी उनकी धुनी के रूप में, मानगढ़ धाम में अखंड रूप से प्रदीप्त हो रहा है। और उनकी सम्प सभा, यानि समाज के हर तबके में सम्प भाव पैदा हो, सम्प सभा के आदर्श, आज भी एकजुटता, प्रेम और भाईचारा की प्रेरणा दे रहे हैं।’
– ‘1780 में संथाल में तिलका मांझी के नेतृत्व में दामिन संग्राम लड़ा गया। 1830-32 में बुधू भगत के नेतृत्व में देश लरका आंदोलन का गवाह बना।1855 में आजादी की यही ज्वाला सिधु-कान्हू क्रांति के रूप में जल उठी। भगवान बिरसा मुंडा ने लाखों आदिवासियों में आजादी की ज्वाला प्रज्वलित की।’
– ‘आज से कुछ दिन बाद ही 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर देश जनजाति गौरव दिवस मनाएगा। आदिवासी समाज के अतीत और इतिहास को जन-जन तक पहुंचाने के लिए, आज देशभर में आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों को समर्पित विशेष म्यूजियम बनाए जा रहे हैं।’
– ‘देश में आदिवासी समाज का विस्तार और भूमिका इतनी बड़ी है कि हमें उसके लिए समर्पित भाव से काम करने की जरूरत है। राजस्थान और गुजरात से लेकर पूर्वोत्तर और उड़ीसा तक विविधता से भरे आदिवासी समाज की सेवा के लिए आज देश स्पष्ट नीति के साथ काम कर रहा है।’
– ‘देश में वन क्षेत्र भी बढ़ रहे हैं, वन संपदा भी सुरक्षित की जा रही है, साथ ही आदिवासी क्षेत्र डिजिटल इंडिया से भी जुड़ रहे हैं, पारंपरिक कौशल के साथ-साथ आदिवासी युवाओं को आधुनिक शिक्षा के भी अवसर मिले, इसके लिए एकलव्य आदिवासी विद्यालय भी खोले जा रहे हैं।’
– ‘आज़ादी के बाद लिखे इतिहास में मानगढ़ धाम को जो जगह मिलनी चाहिए थी वो नहीं मिली। आज़ादी के अमृत महोत्सव में आज देश उस कमी को पूरी कर रहा है। उस दशकों पुरानी भूल को सुधार रहा है।’
– ‘मानगढ़ धाम के भव्य विस्तार के लिए प्रबल इच्छा हम सभी में हैं इसके लिए राजस्थान गुजरात मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र को मिलकर काम करने की आवश्यकता है चारों राज्य सरकारों से आग्रह है कि इस दिशा में विस्तृत चर्चा करें एक रोडमैप तैयार करें ताकि गोविंद गुरु जी का स्मृति स्थल भी पूरे विश्व में अपनी पहचान बनाए मुझे विश्वास है मानगढ़ धाम का विकास इस क्षेत्र को नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा के लिए एक जागृत स्थल बनाएगा।’
प्रधानमंत्री ने नहीं की राष्ट्रीय स्मारक की घोषणा
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा देने की मांग उठाने के बाद संभावना यही थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपने संबोधन में मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की घोषणा कर सकते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसी कोई घोषणा अपने संबोधन में नहीं की। जनसभा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुजरात, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित कई केंद्रीय मंत्री मौजूद थे।