स्वेच्छा से छोड़ने खाद्य सुरक्षा का लाभ
सरकार चाहती है कि खाद्यान्न सुरक्षा का लाभ पात्र लोगों को ही मिले, जबकि हजारों लाखों परिवार इस योजना का गलत लाभ ले रहे हैं। इनके खिलाफ कार्रवाई से पहले सरकार अवसर देते हुए रसद विभाग के मुख्यालय से ‘गिव अप’ अभियान शुरू किया गया है। इसके तहत स्वेच्छा से खाद्य सुरक्षा का लाभ छोड़ा जा सकता है। यह भी पढ़ें
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इसका असर बांसवाड़ा जैसे आदिवासी बहुल इलाके में दिखने लगा है। एक माह में 171 परिवारों के 688 सदस्यों ने योजना से अपना नाम हटा लिया है। विभागीय गाइड लाइन अनुसार 31 जनवरी के बाद खाद्य सुरक्षा के अपात्र लोगों के खिलाफ अभियान चलाया जाना प्रस्तावित है। इस अभियान की जांच के दौरान यदि कोई पकड़ में आया तो उससे नियमानुसार वसूली की जाएगी।इन लोगों को छोड़नी ही है योजना
1- जो सरकारी कर्मचारी हैं।2- जो इनकम टैक्स देते हैं।
3- जो 4 पहिया वाहन के मालिक हैं।
4- जो आर्थिक रूप से सक्षम हैं।
5- जिनके परिजन उच्च स्तर पर नौकरी कर रहे हैं।
688 लोगों ने छोड़ा लाभ
खाद्य सुरक्षा योजना गरीब, जरूरतमंद और असहाय लोगों के लिए शुरू की गई थी। विभागीय मुख्यालय से योजना का लाभ छोड़ने वालों के लिए अभियान शुरू किया गया। अभी तक 688 लोगों ने योजना छोड़ी है। जो लोग 31 जनवरी से पहले स्वयं छोड़ेंगे उनके खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं होगी।हजारी लाल आलोरिया, डीएसओ जिला रसद विभाग, बांसवाड़ा