नौ सितंबर से शुरू होने वाले राजस्थान विधानसभा सत्र में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां और उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ सहित करीब 25 विधायक सवाल नहीं पूछ सकेंगे। विधानसभा के बजट सत्र का सत्रावसान नहीं होने की वजह से यह स्थिति पनपी है।
इन सभी विधायकों ने 40 तारांकित व 60 अतारांकित सवाल पूछ लिए हैं। उधर, सत्रावसान नहीं होने करके उसी सत्र को कंटीन्यू करने पर भाजपा विधायकों ने नाराजगी जताई है। बताया जा रहा है कि कोटा पूरा कर चुके विधायकों को नियमों का हवाला देकर उनके प्रश्न लगाने से इनकार कर दिया गया है।
ये विधायक नहीं पूछ पाएंगे सवाल विधानसभा सत्र में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां, प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़, भाजपा विधायक और प्रदेश उपाध्यक्ष चंद्रकांता मेघवाल, धर्म नारायण जोशी, नारायण सिंह देवल, प्रताप सिंह सिंघवी, फूल सिंह मीणा, बिहारीलाल बिश्नोई, वासुदेव देवनानी, शंकर सिंह रावत, सुरेश टांक, हमीर सिंह भायल, अविनाश गहलोत, गोपीचंद मीणा, जोराराम कुमावत, अमृत लाल मीणा और सुमित गोदारा के नाम प्रमुख हैं। वहीं वरिष्ठ कांग्रेस विधायक भरत सिंह, मदन प्रजापत और शकुंतला रावत भी इस सूची में शामिल हैं। निर्दलीय विधायकों में बलजीत यादव और लक्ष्मण मीणा भी मौजूदा सूची में शामिल हैं।
रामलाल पूछ सकेंगे एक सवाल भाजपा विधायक रामलाल शर्मा केवल एक सवाल पूछ सकेंगे। उन्होंने अपने 100 प्रश्नों के कोटा में 99 प्रश्न लगा दिए हैं। मगर वो यह एक सवाल पूछने के मूड में नजर नहीं आ रहे हैं। शर्मा ने विधानसभा सचिवालय में 10 तारांकित और 20 अतारांकित सवाल भेजे थे, लेकिन नियमों का हवाला देकर उन्हें केवल एक ही सवाल लगाने की अनुमति मिल पाई है।
जानबूझकर सत्रावसान नहीं किया उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ सरकार ने कहा कि जानबूझकर विधानसभा सत्र का सत्रावसान नहीं किया, जिसके चलते इसी बजट सत्र में मानसून सत्र भी शामिल हो गया। इस वजह से विधायक सदन में सवाल नहीं पूछ पाएंगे।