दरअसल, 19 जनवरी से विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो गया है। सत्र के बीच अगर नगर निगम साधारण सभा की बैठक बुलाती है तो उसे स्थानीय विधायकों से अनुमति लेनी जरूरी होती है। इस बार खुद सीएम भजन लाल शर्मा जयपुर की सांगानेर सीट से विधायक हैं। ऐसे में ग्रेटर नगर निगम को बैठक बुलाने से पहले सीएम की अनुमति लेनी होगी। पूर्ववर्ती सरकार के समय विधानसभा सत्र के बीच जब बैठक बुलाने के लिए नगर निगम ने अनुमति मांगी थी तब कई विधायकों ने हामी नहीं भरी, जिसके चलते बजट को सीधे सरकार के पास मंजूरी के लिए भेज दिया गया।
भाजपा की सरकार, ग्रेटर में भाजपा का बोर्ड
इस बार ग्रेटर नगर निगम में भाजपा की महापौर और बोर्ड है। साथ ही सरकार भी भाजपा की आ चुकी है। ऐसे में बैठक की अनुमति मिल सकती है। हालांकि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय भी कई भाजपा विधायकों ने ग्रेटर नगर निगम को बैठक की अनुमति नहीं दी। उधर, हैरिटेज नगर निगम को भी बैठक के लिए कांग्रेस विधायकों की अनुमति नहीं मिल पाई थी। इसके चलते बजट मंजूरी के लिए सीधे सरकार के पास भेजा गया।
तीन साल की बजट बैठक का लेखा जोखा
हैरिटेज निगम: बोर्ड बने तीन वर्ष हो चुके हैं। बजट के लिए एक बार ही साधारण सभा बुलाई गई। वित्तीय वर्ष 2022-23 और 23-24 में बिना पारित किए ही सीधे राज्य सरकार को भेज दिया।
ग्रेटर निगम: यहां भी तीन वर्ष में बजट के लिए एक बार ही साधारण सभा की बैठक हुई। दो बार से बैठक नहीं हो पाई है।
वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट
हैरिटेज निगम: 1082 करोड़ रुपए
ग्रेटर निगम: 1006 करोड़ रुपए