परिवहन विभाग की ओर से कुछ माह पूर्व भी पूरे राज्य में बालवाहिनियों के रूप में काम आ रहे वाहनों की जांच के लिए अभियान चलाया गया था। इन वाहनों का डेटा विभाग के पास है। जो वाहन इस जांच में खरे नहीं उतरे उन्हें नोटिस देकर उनका पंजीकरण रद्द किया जाएगा। कोई बालवाहिनी बिना फिटनेस जांच पास किए सड़क पर नहीं चल सकेगी।
नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया (
Gulab Chand Kataria ) एवं विधायक अमृतलाल मीणा के सवालों पर खाचरियावास ने कहा कि बालवाहिनी के रूप में काम आ रहे वाहनों की बैठक क्षमता सुप्रीम कोर्ट (
Supreme Court ) की ओर से निर्धारित बैठक क्षमता से डेढ़ गुना से अधिक नहीं होनी चाहिए। इसी प्रकार पंजीयन प्रमाण पत्र में निर्देशित किया गया है कि बालवाहिनियों के रूप में काम आ रहे ऑटो मेें बच्चों की सुरक्षा के लिए बाईं ओर चढऩे-उतरने के काम आने वाले वाले दरवाजे की ओर लोहे की जाली लगाकर बंद किया जाए।
सहकारी समितियों में वित्तीय अनियमितताओं के 2 हजार 361 मामले सहकारिता मंत्री उदय लाल आंजना (
Udai Lal Anjana ) ने प्रश्नकाल के दौरान सदन में स्वीकार किया कि ग्राम सेवा सहकारी समितियों में वित्तीय अनियमितता के 2 हजार 361 प्रकरण सामने आए हैं। अब तक 42 लाख 80 हजार से ज्यादा की वसूली की जा चुकी है। प्रदेश में 31 दिसम्बर तक ऑडिट नहीं कराने वाली ग्राम सेवा सहकारी समितियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। विधायक संदीप शर्मा के प्रश्नों के जवाब में आंजना ने कहा कि ग्राम सेवा सहकारी समितियों का ऑडिट विभाग की ओर से किया जाता है एवं सीए नियुक्त करके भी कराया जाता है। जिन ग्राम सेवा सहकारी समितियों ने अब तक ऑडिट नहीं कराया है उन्हें पाबन्द किया जा रहा है। जिन समितियों के खिलाफ अनियमिता की शिकायतें मिली हैं, उनकी जांच जारी है, शिकायत सही साबित होने पर वसूली की कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बताया कि अभी तक किसी प्रकरण में एफआईआर नहीं कराई गई है।