लोकसभा के मानसून सत्र के हंगामेदार रहने के बाद विधानसभा के मानसून सत्र के भी हंगामेदार ही रहने की संभावना बन रही है। विपक्षी दल और कांग्रेस इस सत्र में पेगेसस, प्रदेश में कानून व्यवस्था और किसान आंदोलन को लेकर आमने सामने हो सकते हैं। दोनों मुख्य राजनीतिक दलों कांग्रेस और भाजपा ने विधानसभा सत्र को लेकर तैयारियां शुरू कर दी है। सत्र शुरू होने से पहले छह जिलों के पंचायत राज चुनाव के परिणाम भी आ जाएंगे, एेसे में इसकी छायां भी नजर आएगी। भाजपा किसान कर्ज माफी, कानून व्यवस्था, बेरोजगारी भत्ते समेत अन्य मुद्दों पर सत्ता पक्ष को घेरने की कोशिश करेगी, वहीं सत्ता पक्ष ने भी विपक्ष की संभावित रणनीति को देखते हुए अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। भाजपा की रणनीति नेता प्रतिपक्ष नेता गुलाब चंद कटारिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ और सतीश पूनिया मिलकरर बनाएंगे, वहीं सत्ता पक्ष सत्ता पक्ष में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अन्य प्रमुख नेताओं के साथ विपक्ष और केंद्र को घेरने की रणनीति तैयार करेंगे। पहले ये कयास लगाए जा रहे थे कि अगस्त के अंतिम सप्ताह में मानसून सत्र की शुरूआत हो सकती है, लेकिन अब यही तय किया गया है कि पंचायत चुनाव बाद ही सत्र बुलाया जाएगा।