विधायक अम्रतलाल मीणा ने सलूंबर विधानसभा क्षेत्र में पौष्टिक आहार का भौतिक सत्यापन करवाने का सवाल रखा था। जिससे इसके वितरण और अनियमितताओं की सही स्थिति पता चल सके। भूपेश ने विधायकों की ओर से पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश में शून्य से 6 वर्ष के बच्चों, धात्री, माताओं, किशोरियों एवं गर्भवती महिलाओं को पोषाहार वितरण व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( Cm Ashok Gehlot ) भी चिंतित हैंं। इसी को ध्यान में रखते हुए एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत 400 परियोजना क्षेत्रों में पोषाहार वितरण के लिए पोस मशीन लगाने की बजट में घोषणा की है।
उन्होंने कहा कि इससे पोषाहार वितरण में अनियमितताओं पर रोक लगने के साथ समय पर पोषहार सामग्री वितरित होगी। मंत्री ने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों पर नामांकित बालकों की स्थिति एवं उपस्थिति का भौतिक सत्यापन महिला पर्यवेक्षकों की ओर से आंगनबाड़ी केन्द्रों के निरीक्षण के दौरान किया जाता है।
लू और तापघात से तीन की मौत, सहायता का प्रावधान नहीं उप नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड ने प्रदेश में लू और तापघात से म्रत लोगों को मुआवजा दिए जाने का सवाल उठाते हुए पूछा कि प्रदेश में 1 जून से 10 जून 2019 तक अत्यधिक तापमान के कारण कुल कितने जिलों में रेड़ अलर्ट किया गया। साथ ही गर्मी और लू के कारण कितने लोगों की मौत हुई, प्रदेश के जिलों में रेड़ अलर्ट घोषित किए जाने के बाद क्या क्या कदम उठाए गए। इस पर चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने जवाब पेश करते हुए कहा कि इससे 161 लोग बीमार हुए और तीन की मौत हुई है।