राजे ने यहां परमार्थ निकेतन आश्रम पहुंचकर संत मुरलीधर जी महाराज और स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज की ओर से राम कथा वाचन का श्रवण किया, संतों का आशीर्वाद लिया और हवन अनुष्ठान में आहुति दी। उन्होंने गंगा घाट पहुंचकर गंगा मैया का पूजन भी किया।
रामायण का ज़िक्र, गहलोत-पायलट पर निशाना
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे राजस्थान कांग्रेस में सीएम अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच जारी खींचतान पर निशाना साधने से भी राजे नहीं चूकीं। उन्होंने गहलोत-पायलट का नाम लिए बगैर रामायण का एक प्रसंग सुनाकर अपनी बात कही। उन्होंने कहा कि एक समय था जब पिता के आदेश पर भगवान श्री राम सिंहासन छोड़कर 14 वर्ष तक वनवास गए। भरत को सिंहासन पर बैठाने की भी तैयारी हुई, लेकिन उन्होंने त्याग की मिसाल पेश की। बड़े भाई राम की चरण पादुकाओं को सिंहासन पर रखकर ही शासन चलाया, लेकिन खुद सिंहासन से दूर रहे।’
‘कुर्सी के लिए हथकंडे अपना रहे’
राजे ने आगे कहा कि एक उस समय का दोनों भाइयों का त्याग देखिए और आज राजस्थान में दो लोगों में सिंहासन के लिए जो संघर्ष हो रहा है, वह देखिए। कुर्सी के लिए किस तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘एक दूसरे पर तीर चलाये जा रहें है। लोगों के मुख में राम, बगल में छुरी है।’
‘धर्म-राजनीति के साथ होने पर मिलता है राम राज्य’
धार्मिक आयोजन के दौरान अपने संबोधन में राजे ने अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर का ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बन रहा है। राम राज्य की कल्पना तभी साकार होती है जब धर्म और राजनीति साथ चले, इसलिए राम को अपने मन में बसाइए। फिर देखिए, कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता।