राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, मुझे हारने का जितना दुख नहीं है उतना मुझे इस देश की चिंता है कि देश में क्या हो रहा है। हार-जीत तो होती है, मैंने राजस्थान में अपना फर्ज़ पूरा किया। देश में जो हो रहा है उसपर लोगों को चिंतित होना चाहिए। अशोक गहलोत कहते हैं, जब से एनडीए सरकार बनी है तब से उनका व्यवहार बदल रहा है, उनका अहंकार बढ़ता जा रहा है। जिस तरह से वे विपक्ष के साथ व्यवहार कर रहे हैं वह अस्वीकार्य है। अशोक गहलोत ने आगे कहा, विपक्ष के 92 सांसदों को निलंबित करना लोकतंत्र पर प्रहार है। नेता प्रतिपक्ष रहते हुए स्व. अरुण जेटली एवं स्व. सुषमा स्वराज ने कहा था कि सदन का काम चर्चा करना है। कई बार सरकार जरूरी मुद्दों पर चर्चा नहीं करती है तो, सदन की कार्यवाही को विपक्ष लोकतंत्र के हित में बाधित करता है। सदन की कार्यवाही बाधित करना भी लोकतंत्र का ही एक रूप है।
NDA सरकार की अलोकतांत्रिक सोच का परिचायकपूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, UPA सरकार के समय विपक्ष में रहते हुए BJP ने कई बार 12 दिन से अधिक समय तक सदन की कार्यवाही नहीं चलने दी। उस समय इस प्रकार सांसदों को निलंबित करने की कार्रवाई नहीं की गई। यह NDA सरकार की अलोकतांत्रिक सोच का परिचायक है।
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Video : Rajasthan Cabinet मंत्रियों के नाम दिल्ली से तय, बस इस दिन लेंगे शपथनिलंबन से दिखाता है एनडीए का तानाशाही रवैयेसंसद की सुरक्षा जैसे गम्भीर विषय पर चर्चा की मांग पर विपक्षी सांसदों का किया गया निलंबन एनडीए के तानाशाही रवैये को दिखाता है। सच को दबाने की इस कार्रवाई से दुनिया में देश का नाम कलंकित हो रहा है।
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फोटो में देखें राजस्थान सीएम भजनलाल शर्मा का भरतपुर दौरा, जगह-जगह हुआ भव्य स्वागत Hindi News / Jaipur / आखिर अशोक गहलोत ने क्यों कहा, मुझे हारने का उतना दुख नहीं, जानें आगे क्या कहा