जयपुर

क्या सिर्फ 250 रुपए में बचाई जा सकती थी पांच साल के आर्यन की जान, कौन है उसकी मौत का असली जिम्मेदार

Aryan Rescue operation fail: अगर बोरवेल से पानी नहीं निकलता तो इन कैप के जरिए बोरवेल को पैक करना जरूरी है, ताकि कोई हादसा नहीं हो जाए। सबसे बड़ी बात इनकी कीमत सिर्फ दो सौ रुपए से लेकर ढाई सौ रुपए मात्र है।

जयपुरDec 12, 2024 / 01:59 pm

JAYANT SHARMA

Dausa Borewell Accident: दौसा में आखिर बोरवेल में फंसे आर्यन की सांसे टूट गई। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों, उसे बाहर निकालने की कोशिश कर रही एजेंसियों समेत वहां मौजूद तमाम लोगों की आंखे देर रात नम हो गई, जब आर्यन का शव बाहर निकाला गया। परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। मां बार-बार बेहोश होश रही है। आज पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों के हवाले किया गया है और अब अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही है। लेकिन आर्यन की मौत का असली जिम्मेदार आखिर कौन है….? क्या समय रहते कुछ रुपए खर्च किए होते तो आर्यन की जान बच सकती थी?
दरअसल बोरवेल में फंसे आर्यन को बचाने के लिए 57 घंटों तक लगातार प्रयास किया जाता रहा। आधुनिक संसाधनों के साथ ही देसी जुगाड़ लगाए गए, लेकिन सब कुछ फेल साबित रहा। जब बाहर निकाला गया तब पता चला कि काफी देर पहले जान जा चुकी थी। जिस बोरवेल में गिरने के कारण आर्यन की मौत हुई थी, उसे बंद नहीं किया गया था। यही कारण है कि इतना बड़ा हादसा हुआ। दरअसल बोरवेल को बंद करने के लिए स्टील और प्लास्टिक के ढक्कन बाजार में मिलते हैं। जिन्हें बोरवेल कैप कहा जाता है। अगर बोरवेल से पानी नहीं निकलता तो इन कैप के जरिए बोरवेल को पैक करना जरूरी है, ताकि कोई हादसा नहीं हो जाए। सबसे बड़ी बात इनकी कीमत सिर्फ दो सौ रुपए से लेकर ढाई सौ रुपए मात्र है।
बताया जा रहा है कि जिस बोरवेल में आर्यन गिरा उसे सुरक्षित रूप से बंद नहीं किया गया था। इसी कारण यह हादसा हुआ। वह खेलने गया और बोरवेल में जा गिरा। दौसा में ही पिछले पांच महीनों में इस तरह के चार हादसे हो चुके हैं। जिनमें से सिर्फ एक बच्ची को समय रहते हुए बचाया जा सका है।

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