विभाग ने यह यू-टर्न फूड पैकेट वितरण के लिए टेंडर प्रक्रिया को सहकारिता मंत्री से अनुमोदन कराने के बाद लिया है। सहकारी विभाग की ओर से इसका प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा है। सूत्रों के अनुसार उच्च स्तर पर इसकी सहमति हो चुकी है, लेकिन अभी फाइल अंकित नहीं होने से वित्त विभाग ने सक्षम स्तर से अनुमोदन की आवश्यकता जताई है। सरकार ने योजना की घोषणा के समय वितरण का समय 25 मई तय किया था। योजना के लिए खाद्य विभाग के बजाय जिम्मा सहकारी विभाग को दिया गया। टेंडर में देरी होने से तय समय निकल गया।
स्मार्ट फोन योजना में भी पैसे देने के संकेत
स्मार्ट फोन योजना को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पहले ही संकेत दे चुके हैं कि पसंद का मोबाइल लेने के लिए महिलाओं के खाते में राशि डाली जाएगी। यह संकेत मिलते ही अधिकारी बजट के आकलन और योजना का नया प्रस्ताव तैयार करने में जुट गए हैं।
स्मार्ट फोन योजना को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पहले ही संकेत दे चुके हैं कि पसंद का मोबाइल लेने के लिए महिलाओं के खाते में राशि डाली जाएगी। यह संकेत मिलते ही अधिकारी बजट के आकलन और योजना का नया प्रस्ताव तैयार करने में जुट गए हैं।
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इस खाद्य सामग्री के स्थान पर मिलेंगे करीब 350 रुपएफूड पैकेट में एक किलो सोयाबीन तेल, एक किलो नमक, एक किलो चीनी, एक किलो दाल, सौ ग्राम मिर्च पाउडर, सौ ग्राम धनिया तथा पचास ग्राम हल्दी पाउडर शामिल था। वित्त विभाग ने टेंडर के लिए इसकी कीमत करीब 350 रुपए बताई थी। ऐसे में डीबीटी लागू भी होती है तो लाभार्थियों को हर माह 350 रुपए मिलेंगे।
चुनाव नजदीक इसलिए बदला तरीका
विभाग की 13 सदस्यीय कमेटी ने 3 बार टेंडर प्रक्रिया तय की, शीर्ष स्तर पर इसे मंजूरी नहीं मिली। करीब पांच हजार करोड़ की इस योजना को सरकार चुनाव आचार संहिता से पहले शुरू करना चाह रही है। समय की कमी को देखते हुए टेंडर के बजाय अब डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर(डीबीटी) की तैयारी है। इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है तो खाद्य सुरक्षा योजना के तहत पंजीकृत 1 करोड़ पांच लाख लाभार्थियों के खाते में पैकेट के रुपए जमा कराए जाएंगे।
विभाग की 13 सदस्यीय कमेटी ने 3 बार टेंडर प्रक्रिया तय की, शीर्ष स्तर पर इसे मंजूरी नहीं मिली। करीब पांच हजार करोड़ की इस योजना को सरकार चुनाव आचार संहिता से पहले शुरू करना चाह रही है। समय की कमी को देखते हुए टेंडर के बजाय अब डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर(डीबीटी) की तैयारी है। इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है तो खाद्य सुरक्षा योजना के तहत पंजीकृत 1 करोड़ पांच लाख लाभार्थियों के खाते में पैकेट के रुपए जमा कराए जाएंगे।
मंत्री के पास पहले टेंडर और अगले ही दिन पहुंचा डीबीटी का प्रस्ताव
वितरण का काम कॉनफेड को दिया गया था। इसमें देरी के चलते विभाग के अधिकारियों पर गाज गिरी है। पहले कॉनफेड के एमडी दिनेश कुमार एपीओ किए गए। इसके बाद एक और अधिकारी पर एपीओ होने की तलवार लटकी हुई है। इस बीच विभागीय कमेटी ने टेंडर प्रक्रिया को अन्तिम रूप दे दिया। विभाग ने इसे 7 जून को अनुमोदन के लिए सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना को भेज दिया। उन्होंने इसे मंजूर भी कर लिया। इसके बाद अगले ही दिन डीबीटी का प्रस्ताव पहुंच गया।
वितरण का काम कॉनफेड को दिया गया था। इसमें देरी के चलते विभाग के अधिकारियों पर गाज गिरी है। पहले कॉनफेड के एमडी दिनेश कुमार एपीओ किए गए। इसके बाद एक और अधिकारी पर एपीओ होने की तलवार लटकी हुई है। इस बीच विभागीय कमेटी ने टेंडर प्रक्रिया को अन्तिम रूप दे दिया। विभाग ने इसे 7 जून को अनुमोदन के लिए सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना को भेज दिया। उन्होंने इसे मंजूर भी कर लिया। इसके बाद अगले ही दिन डीबीटी का प्रस्ताव पहुंच गया।