इन जिलों में झमाझम बारिश
राजधानी जयपुर में बुधवार को मौसम के दो रूप देखने को मिले। शहर के परकोटे समेत विद्याधर, मुरलीपुरा सहित कई इलाकों में जमकर बारिश हुई। तो वहीं गोपालपुरा से प्रतापनगर तक उमस और गर्मी से लोग हाल बेहाल रहे। शहर के परकोटे में करीब दो घंटे तक तेज बारिश का दौर चलता रहा। इससे जगह-जगह पानी भर गया। चांदपोल बाजार में तेज बारिश के चलते बरामदों और दुकानों तक पानी पहुंच गया। सड़के बारिश के पानी से लबालब हो गई। बीकानेर जिले के ग्रामीण क्षेत्र में तेज बारिश हुई। इसके अलावा झुंझुनूं और जैसलमेर सहित कई जगहों पर अच्छी बारिश हुई।
यहां जमकर हुई बारिश, तीन जिलों में अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट
यहां भारी बारिश होने की संभावना
मौसम केंद्र जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि आज आंध्रप्रदेश-उड़ीसा तट पर बंगाल की खाड़ी में एक वेलमार्क लो प्रेशर एरिया बना हुआ है। मानसून ट्रफ लाइन जैसलमेर, कोटा से होकर गुजर रही है। जयपुर, भरतपुर, अजमेर, बीकानेर संभाग में मानसून सक्रिय रहने और अधिकांश भागों में हल्की मध्यम बारिश व कहीं-कहीं पर भारी बारिश होने की संभावना है। जोधपुर, उदयपुर व कोटा संभाग के भी कुछ भागों में हल्के से मध्यम बारिश होने के आसार है।
27 जुलाई को भी दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान को छोड़कर अधिकांश भागों में मानसून सक्रिय रहने से हल्की-मध्यम बारिश व कोटा, उदयपुर, जयपुर संभाग में एक दो स्थानों पर भारी बारिश की संभावना है। 28 जुलाई को भी बारिश की गतिविधियां भरतपुर, जयपुर व बीकानेर संभाग के कुछ भागों में जारी रहने की संभावना है। 29 जुलाई से राज्य में बारिश की गतिविधियों में कमी होने तथा केवल छुटपुट स्थानों पर हल्की मध्यम बारिश होने की संभावना है।
बांधों ने दी खुशियों को सौगात
भीलवाड़ा जिले में लकड़ी बांध के बाद कोठारी बांध पर चादर चलने लगी है। बांध पर दो दिन से 2 सेमी तक चादर चल रही है। बांध पर प्रतिवर्ष सितंबर महीने में चादर चलती है परंतु इस बार जुलाई में ही चादर चलने लगी है। बांध पर चादर चलने से बनास नदी में पानी की आवक बढ़ने लगी है। मातृकुंडिया बांध से छोड़े गए पानी से भी बनास नदी में आवक बनी हुई है। फिलहाल त्रिवेणी नदी का गेज साढ़े तीन मीटर तक अटका हुआ है। बनास नदी में पानी का बहाव तेज होने से अब जयपुर की लाइफ लाइन बीसलपुर बांध के जलस्तर में भी तेजी से बढ़ोतरी होने लगी है। पिछले 24 घंटे में बांध का जलस्तर तीन सेंटीमीटर बढ़कर 313.59 आरएल मीटर तक पहुंच गया है।हालांकि अब भी डेम छलकने से 1.90 मीटर दूर है। त्रिवेणी में पानी का बहाव 3.20 मीटर रेकॉर्ड किया गया है।