हालांकि बैठक में जिले बढ़ाने और घटाने को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया। लेकिन, यह संकेत जरूर मिले हैं कि कुछ जिलों में कटौती हो सकती है। संभावित तौर पर छोटे जिलों पर सरकार कैंची चला सकती है। कमेटी की अगली बैठक 15 दिन बाद होगी।
बैठक के बाद जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने छोटे जिलों पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि एक विधानसभा क्षेत्र जितने इलाके को जिला बना दिया तो फिर तो राजस्थान में 200 जिले बन जाएंगे। उन्होंने कहा कि जिलों के गठन में मापदंड तो तय होने ही चाहिए। खासकर जनसंख्या को ध्यान में रखना चाहिए। जिलों को लेकर पंवार कमेटी ने क्या आधार बनाए हैं, क्या दूरी होनी चाहिए। इस पर बैठक में चर्चा हुई है, कुछ नए जिलों की भी मांग आ रही है। इन सब पर अगली बैठक में चर्चा होगी।
यह भी पढ़ें
Rajasthan: 17 नए जिलों को लेकर आई बड़ी खुशखबरी, रिव्यू कमेटी के अध्यक्ष ने कही ये बड़ी बात; जानें
एक जिले पर 2000 करोड़ का खर्चा
मंत्री ने कहा कि एक जिले को बनाने में करीब 2000 करोड़ रुपए का खर्चा आता है। 2008 में प्रतापगढ़ जिला बना था। इतने साल बीतने के बावजूद भी वहां पर प्रशासनिक संसाधनों की कमी है। नए जिलों में भी इतनी सारी सहूलियत देने में 8 से 10 साल लग जाएंगे। उन्होंने कहा कि राजस्थान की 7 करोड़ की जनसंख्या है, उसको प्रशासनिक इकाइयों के हिसाब से मेंटेन करना जरूरी है। जयपुर बड़ा जिला है, कोई छोटा जिला है तो बराबर कैसे हो जाएंगे। यह भी पढ़ें