बताया जा रहा है कि राज्य सरकार पिछली कांग्रेस सरकार में लगाए गए अफसरों को बदलना चाह रही थी। इस पर स्वायत्त शासन मंत्री ने लम्बी जद्दोजहद के बाद सूची को मंजूरी दी। हालांकि, यह सूची मुख्यमंत्री कार्यालय तक गई। इसमें कई बार बदलाव किया गया। विवाद या भ्रष्टाचार के आरोप से घिरे अधिकारियों को फील्ड पोस्टिंग नहीं देने की बात कही गई और उसी आधार पर सूची बनाई। बाद में फिर सूची में बदलाव कर अधिकांश को फील्ड पोस्टिंग दे दी गई। इसमें कई जनप्रतिनिधियों का दबाव भी रहा।
जयपुर में दोनों नगर निगमों से चार उपायुक्तों का तबादला कर दिया, जिसमें नवीन भारद्वाज का स्थानांतरण चर्चा में है। सूची में सबसे चर्चित नाम मोनिका सोनी का रहा, जो जयपुर आने में सफल रहीं। उन्हें राजस्व अधिकारी के अलावा उपायुक्त उद्यान की जिम्मेदारी भी दी गई है। विभाग के अधिकारियों का दावा है कि राज्य सरकार की अनुमति के बाद ही तबादले किए गए हैं।
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