जयपुर

बकाया भुगतान के बदले रिश्वत : राजाराम को जमानत

हाईकोर्ट से निलंबित महापौर के पति को राहत

जयपुरOct 01, 2021 / 02:12 am

Shailendra Agarwal

जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने जयपुर ग्रेटर नगर निगम से बीवीजी कंपनी के बकाया 276 करोड़ रुपए दिलाने के एवज में 20 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगने मामले में गिरफ्तार राजाराम गुर्जर को जमानत का लाभ दिया है।
न्यायाधीश पुष्पेन्द्र सिंह भाटी ने राजाराम के जमानत प्रार्थना पत्र पर गुरुवार को यह आदेश दिया। प्रार्थीपक्ष की ओर से कहा गया कि आरोपी 29 जून से न्यायिक हिरासत में है और उसके खिलाफ चालान पेश हो चुका है। प्रार्थीपक्ष के अधिवक्ता विजय यादव व जितेन्द्र सिंह ने कोर्ट को यह भी बताया कि सह आरोपी बीवीजी कंपनी के प्रतिनिधि ओमकार सप्रे को भी हाईकोर्ट जमानत दे चुका है। अधिकतर गवाह सरकारी अधिकारी—कर्मचारी होने से उनको डराने—धमकाने का अंदेशा भी नहीं है। मामला पूरी तरह राजनीति से प्रेरित है और एसीबी ने अब तक कथित वीडियो की वास्तविक क्लिप भी बरामद नहीं की है। राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता मंगल सिंह सैनी ने कहा कि हाईप्रोफाइल मामला है अन्य आरोपियों के खिलाफ जांच लंबित है। ऐसे में आरोपी को जमानत का लाभ नहीं दिया जाए।
इनके खिलाफ दर्ज हुआ था मामला
एसीबी ने बीवीजी से बकाया भुगतान के बदले 20 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगने से संबंधित वायरल वीडियो के आधार पर राजाराम, कंपनी प्रतिनिधि ओमकार सप्रे और संदीप चौधरी तथा आरएसएस से जुडे निंबाराम के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। सप्रे जमानत पर बाहर है और निंबाराम की गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक है।

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